गोरखपुर के बेलघाट थाने में तैनात वर्ष 2016 बैच के दारोगा आशीष मिश्र को एंटी करप्शन (भ्रष्टाचार निवारण संगठन) की टीम ने गुरुवार देर शाम रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट के आदेश पर दर्ज मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए उसने रिश्वत मांगी थी। यातायात कार्यालय तिराहे के पास से गिरफ्तार दारोगा को एंटी करप्शन की टीम ने कैंट पुलिस के हवाले कर दिया है।
 
बेलघाट क्षेत्र के विनोद कुमार ने इस साल 26 मई को गांव के ही कुछ लोगों के विरुद्ध घर में घुसकर मारपीट और गंभीर चोट पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में सुलह के लिए दबाव बनाने को लेकर अभियुक्त निर्मला जायसवाल ने कोर्ट से आदेश कराकर विनोद और उनके भाइयों विजय तथा राधेश्याम के विरुद्ध मारपीट और इसकी वजह से गर्भपात के आरोप में बीते 21 अगस्त को बेलघाट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसकी विवेचना उपनिरीक्षक आशीष मिश्र कर रहा था।

दारोगा ने विनोद के भाई अजय कुमार से मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए 1.50 लाख रुपये की मांग की। 80 हजार में सौदा तय हुआ। पेशगी के तौर पर 40 हजार रुपये गुरुवार को दारोगा को दिए जाने थे। अजय की शिकायत पर यातायात कार्यालय के पास टीम ने दारोगा को रंगेहाथ दबोच लिया। नोट पर विशेष तरह का रसायन लगे होने की वजह से दारोगा का हाथ धुलवाने पर पानी का रंग गुलाबी हो गया।एसएसपी के आदेश पर रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार दारोगा को निलंबित कर दिया गया है। मूलत: वह जौनपुर जिले में सरबतहा क्षेत्र के मयारी गांव का रहने वाला है। शाहपुर क्षेत्र के राप्तीनगर में किराये का मकान लेकर परिवार के साथ रहता था।

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