मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने कई दिनों से चली आ रही अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है. बता दें कि कुछ समय पहले से यह अटकलें लगाई जा रही थी कि लोकसभा चुनाव के साथ बिहार विधासनभा का चुनाव एक साथ कराये जाएंगे. बीजेपी इसके लिए तैयार भी थी. जबकि जदयू के कई नेता भी इसके पक्ष में अपना बयान दे चुके हैं. लेकिन सीएम नीतीश ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से साफ इंकार कर दिया है. उनहोंने कहा है कि यह काम अभी भी संभव नहीं हैं.
रविवार को एक अणे मार्ग में जदयू की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने यह साफ साफ कहा कि बिहार में विधानसभा में चुनाव समय पर होंगे. जब जनता ने वर्ष 2020 तक के लिए जनादेश दिया है, तब हम एक साल भर पहले चुनाव क्यों कराएं. सैद्धांतिक रुप से हमलोग लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने को पक्षधर हैं लेकिन अभी यह व्यवहारिक रुप से संभव नहीं है. एक साथ चुनाव कराने को लेकर पहले राष्ट्रीय स्तर पर राय के साथ संवैधानिक व्यवस्था बननी है.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश जदयू और अपने सभी नेताओं को एक टास्क भी दिया. जिसके तहत यह कहा गया कि बिहार सरकार के 12 साल की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया जाए. हालांकि यह टास्क जदयू नेताओं को पहले भी मिल चुकी है.