सस्ते क्रूड ऑयल की कीमत के बावजूद महंगे होते पेट्रोल डीजल के मुद्दे पर आम जनता और विपक्षी दलों की रुसवाइयां झेल रही केंद्र सरकार ने आम बजट में कुछ राहत देने की कोशिश की है. हालांकि इससे कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिखती. वित्त मंत्री ने एक हाथ से दिया, तो दूसरे हाथ से ले भी लिया.
जी हां, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में पेट्रोलियम उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी कम किये जाने की घोषणा की. इसमें पेट्रोल और डीजल पर बेसिक एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये की कटौती और 6 रुपये के एडीशनल एक्साइज ड्यूटी को खत्म करने की बात कही गयी.
ऐसे में तो एकबारगी यह लगा कि पेट्रोल और डीजल की कीमत में आठ रुपये की छूट मिलेगी. लेकिन सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों में प्रति लीटर आठ रुपये का नया सड़क उपकर (रोड सेस) शुरू कर दिया है.
इसका मतलब यह हुआ कि सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कटौती के नाम पर आठ रुपये कीमत कम किया और दूसरी ओर आठ रुपये प्रति लीटर नया सड़क उपकर जोड़ दिया है. यानी प्लस माइनस बराबर.
यहां यह जानना गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम की कीमतों के लिए डायनेमिक प्राइसिंग मॉड्यूल अपनाया है, जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमत बाजार की परिस्थितियों के मुताबिक हर रोज घटती-बढ़ती हैं.
बताते चलें कि पिछले दिनों ऐसी चर्चा थी कि केंद्र सरकार जल्द ही पेट्रोल, डीजल और केरोसीन को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के तहत ला सकती है. हालांकि फिलहाल ऐसा होता असंभव लग रहा है