भागलपुर हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत की गिरफ्तार को लेकर जारी हंगामे के बीच जदयू के वरिष्ठ नेता ने इस मामले में BJP को अपनी दो टूक सुना दी है. साथ ही उन्होंने अश्विनी चौबे के FIR को रद्दी कागज का टुकड़ा बताने वाले बयान की भी कड़ी निंदा की है.
जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने इस मामले बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अर्जित शाश्वत को सरेंडर करना चाहिए या फिर गिरफ्तारी देनी चाहिए. केसी त्यागी ने शाश्वत की गिरफ्तारी को लेकर कहा कि अगर एफआईआर दर्ज हुआ है तो हमें अपने अधिकारियों पर विश्वास करना चाहिए या अदालत ने वारंट जारी किए हैं तो अदालत का सम्मान करना चाहिए. दो रास्ते हैं, अरिजित कोर्ट में सरेंडर कर दें या फिर वह गिरफ्तारी दें.
उन्होंने कहा कि अगर कानून का मखौल उड़ेगा तो जेडीयू, बीजेपी, आरएलएसपी और एलजेपी पर खरोंच आएगी. इससे पूरा गंठबंधन प्रभावित होगा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को लेकर यह कहा कि वो ऐसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं जिससे मुख्य विपक्षी दल को इसका फायदा हो रहा है. साथ ही कहा एफआईआर को रद्दी का टुकड़ा कहना ये मान्यता प्राप्त संवैधानिक संस्थाओं का अपमान है. उन्होंने कहा कि हम बिहार में एनडीए को नयी ऊचाईयों पर लेकर जाना चाहते हैं. त्यागी ने चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि 2010 की तरह गठबंधन के एंजेंडे से अगर बाहर निकले तो यह गठबंधन के लिए अच्छा नहीं होगा.
मालूम हो कि अभी हाल ही में केंदीय मंत्री गिरिराज सिंह और अश्विनी चौबे ने बयानबाजी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी यह कहा था कि कुछ लोग हैं जो प्रदेश में माहौल को बिगाड़ने में लगे हैं. नेता विपक्ष को भी सलाह दी थी कि वह बयानबाजी से बचें.