शेखपुरा में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हिंसा बवाल की खबरों ने बिहार को हिला कर रख दिया था, क्योंकि इससे पहले भागलपुर और औरंगाबाद में हिंसक झड़प से लोग डरे हुए थे। बता दे कि शेखपुरा लोगों की भड़कने की सबसे बड़ी वजह रूट निर्धारण रही। जिसके बाद शहर का बुधौली चौक देखते ही देखते रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। कार्यकर्ता और पुलिस के बीच झड़प शुरू हो गई। 20 मिनट तक धक्का-मुक्की के बाद पुलिस ने फायरिंग करते हुए लाठीचार्ज कर दिया और कार्यकर्ताओं के साथ ही साथ जुलूस देख रहे लोगों को भी दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। निर्दोश बच्चों के ऊपर भी लाठी बरसायी गई, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं। छह राउंड फायरिंग की बात सामने आ रही है। इससे क्षेत्र में दहशत का माहौल हो गया। घंटों नेट कनेक्शन भी बाधित रखा गया। घटना के दौरान पथराव में एसडीएम का वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया है।

बताया जाता है कि इस घटना से पहले कटरा चौक के समीप भी जुलूस में शामिल कार्यकर्ताओं एवं पुलिस बलों व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। कार्यकर्ता माहुरी टोला में जुलूस ले जाना चाह रहे थे। परंतु प्रशासन द्वारा निर्धारित रोड मैप के अनुसार जुलूस को चांदनी चौक, कटरा चौक, दल्लु चौक, गिरिहिंडा, बुधौली चौक होते हुए बाइपास से तिमुहानी लाना था। जबकि, कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से जुलूस को अहियापुर, माहुरी टोला से होकर ले जाने की अनुमति की मांग पूर्व में ही की थी, परंतु प्रशासन ने इस रूट में जुलूस ले जाने की अनुमति देने से इनकार करता रहा। घटना के बाद कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन पर मनमानी और तानाशाही का आरोप लगाया है।

प्रशासनिक चूक से हुई है घटना
बजरंग दल के महासचिव रणधीर कुमार ने कहा कि प्रशासनिक चूक से यह घटना हुई है। उन्होंने बताया कि शांतिपूर्ण जुलूस के लिए बुधौली बाजार, अहियापुर एवं माहुरी टोला में भी अनुमति मांगी गई थी, परंतु प्रशासन ने इस रूट में जुलूस पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई। जिससे जुलूस में शामिल लोग आक्रोशित हो गए। उन्हें समझाने- बुझाने का प्रयास किया जा रहा था। इसी बीच कुछ लोगों द्वारा पुलिस पर पथराव कर दिया गया और पुलिस उन्हें पकड़ने की वजाय जुलूस में शामिल सभी लोगों की धुनाई करने लगी। उन्होंने कहा कि बजरंग दल के किसी भी कार्यकर्ता द्वारा पुलिस पर पथराव नहीं किया गया है। प्रशासनिक मनमानी के कारण घटना घटित हुई।

शोभायात्रा में शामिल हुए थे हजारों लोग
रामनवमी को लेकर शहर के तीन मुहानी से बजरंग दल द्वारा निकाले गए शोभायात्रा में जिले के हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान बड़ी संख्या में युवाओं ने बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभाई। हाथी -घोड़े एवं ऊंट भी इस शोभा यात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे। इस शोभा यात्रा को देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ रही।

इंटरनेट सेवा बाधित
घटना के बाद शहर में इंटरनेट सेवा बाधित कर दिया गया। जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। समाचार लिखे जाने तक इंटरनेट सेवा बाधित रहा। वहीं, इस घटना के बाद मौके पर पहुंचे डीएम दिनेश कुमार, प्रभारी एसपी धीरज कुमार, डीडीसी निरंजन कुमार झा समेत अन्य अधिकारी बुधौली चौक पहुंचे। फिर आवागमन बहाल किया गया।

पहचान की जा रही है उपद्रवियों की
इस पूरे मामले में प्रभारी एसपी धीरज कुमार ने बताया कि घटना के दौरान उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। फिलहाल चार लोगों को चिन्हित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि कर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि बजरंग दल ने शुरुआत में जुलूस के लिए शहर के बिचली गली का कोई जिक्र नही था, परंतु दूसरी बार में जब उन्होंने आवेदन दिया तो जुलूस के लिए बिचली गली अर्थात बुधौली बाजार, अहियापुर एवं माहुरी टोला मोहल्ला में भी जुलूस निकालने का जिक्र किया।

बुधौली चौक पर पहुंचते ही मामला गरमाया
रामनवमी का जुलूस स्टेशन रोड, गिरिहिंडा होते हुए जैसे ही बुधौली चौक पहुंची तो एक बार फिर यह मामला गरमा गया। जुलूस में शामिल लोग बुधौली चौक से बुधौली बाजार एवं अहियापुर की तरफ प्रवेश करना चाह रहे थे। परंतु इस रूट को पुलिस वालों ने पूरी तरह घेराबंदी कर दी थी। जिसका विरोध जुलूस में शामिल लोगों द्वारा किया जा रहा था। इस दौरान रूट के विवाद को लेकर जुलूस में शामिल बड़ी संख्या में कार्यकर्ता बुधौली चौक के समीप ही सड़कों पर बैठ जिला प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। कार्यकर्ता जिला प्रशासन पर रूट निर्धारित करने में पूरी तरह मनमानी का आरोप लगा रहे थे।

कटरा चौक पर भी हुई थी धक्कामुक्की
तिमुहानी से निकली शोभा यात्रा जैसे ही कटरा चौक पहुंची तो माहुरी टोला में जुलूस प्रवेश कराये जाने को लेकर कार्यकर्ताओं एवं पुलिस बलों में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इस दौरान काफी समय तक वहां नोकझोंक होती रही। हालांकि, इस दौरान जुलूस में शामिल कई कार्यकर्ताओं द्वारा काफी समझाये बुझाये जाने के बाद जुलूस में शामिल लोगों को शांत कराया जा सका और फिर जुलूस खाण्डपर की ओर आगे बढ़ी।

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