दमिश्क- सीरिया के पूर्वी घोउता के विद्रोहियों के कब्जे वाले अंतिम शहर डौमा में हुए संदिग्ध रासायनिक हमले में कम से कम 70 लोग मारे गए.
बीबीसी के मुताबिक, स्वयंसेवी बचाव दल व्हाइट हेलमेट्स ने ग्राफिक तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसमें शनिवार को हुए हमले के बाद बेसमेंट में पड़े कई शव नजर आ रहे हैं. इसमें कहा गया कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है.
सीरियाई अस्पतालों के साथ काम करने वाली एक अमेरिकी चैरिटी संस्था यूनियन मेडिकल रिलीफ ने बीबीसी को बताया कि दमिश्क रूरल स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने 70 लोगों की मौत की पुष्टि की है.
सीरियाई सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया है. सराकरी एजेंसी सना ने कहा कि सीरियाई अरब सेना को किसी रासायनिक चीज का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है, जैसा कि आतंकवादियों के मीडिया सहयोगियों द्वारा दावा किया गया है.
कथित हमलों पर प्रतिक्रिया में अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “हमने कई परेशान कर देने वाली रिपोर्ट देखी ..सीरियाई सरकार का अपने लोगों के खिलाफ रसायनिक हथियारों को इस्तेमाल करने का इतिहास रहा है…”
सीरिया को लेकर एक बार फिर से अमेरिका और रूस आमने-सामने आ गए हैं। अमेरिका का आरोप है कि रूस ने सीरियाई सेना का साथ देते हुए पूर्वी घोउटा के शहर डौमा में रासायनिक हमला किया है। इस हमले में 70 लोगों की मौत होने की बात कही गई है। इसको लेकर दोनों देशों में फिर कहा-सुनी शुरू हो गई है।
रूस ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि यह हमला उसने नहीं किया है। वहीं सीरिया ने इसके लिए अमेरिका पर आरोप जड़ा है कि उसने ही यह हमला करवाया है। दरअसल, इस हमले की बात उस वक्त सामने आई जब सीरिया में काम कर रही स्वयंसेवी संस्था व्हाइट हैलमेट ने ट्वीटर पर इस खबर के साथ कुछ फोटो भी पोस्ट किए। इसमें एक जगह पर कई शव दिखाई दे रहे थे। इसमें यह भी कहा गया कि इस हमले के बाद मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
व्हाइट हैलमेट ने दी जानकारी
व्हाइट हैलमेट के अलावा भी कई मेडिकल, निगरानी व कार्यकर्ता समूहों ने रासायनिक हमले के बारे में जानकारी दी है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हमले के बाद लोगों को सांस लेने में काफी मुश्किल हो रही है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हेलिकॉप्टर से विषाक्त नर्व एजेंट सरीन से युक्त बैरल बम गिराया गया था। सीरियाई अस्पतालों के साथ काम करने वाली एक अमेरिकी चैरिटी संस्था यूनियन मेडिकल रिलीफ ने बताया कि दमिश्क रूरल स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने 70 लोगों की मौत की पुष्टि की है।
सरकारी एजेंसी का अपना राग
वहीं सीरिया की समाचार एजेंसी सना का कहना है कि आतंकवादियों के गढ़ में उनसे निपटने के लिए आगे बढ़ रही सेना के अभियान में बड़ी बाधा डाली गई है। इसमें कहा गया है कि सीरियाई अरब सेना को किसी रासायनिक चीज का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है, जैसा कि आतंकवादियों के मीडिया सहयोगियों द्वारा दावा किया गया है। कथित हमलों पर प्रतिक्रिया में अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने कई परेशान कर देने वाली रिपोर्ट देखी हैं। सीरियाई सरकार का अपने लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों को इस्तेमाल करने का इतिहास रहा है।’ सरीन नर्व एजेंट का इस्तेमाल सीरिया में पहले भी हो चुका है।