बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्षों से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते रहे हैं लेकिन जब अब केंद्र और राज्य में एक ही सरकार है तो इसपर उन्होंने चुप्पी साध ली है, न इस पर केंद्र कुछ कहने को तैयार हैं न ही सीएम नीतीश इस मांग को दोहराने को तैयार हैं. हां एक-आद बार विपक्ष द्वारा घेरे जाने पर नीतीश ने यह जरुर कहा है कि वो बार बार एक ही बात को नहीं दोहराते हैं उन्हें सब याद हैं. लेकिन आज जब पीएम बिहार आये हैं और नीतीश भी उनके साथ काफी वक्त बिताएंगे. तो बिहारियों को नीतीश से यह आशा है कि पीएम से फिर से विशेष राज्य का दर्जा दिला दें.
बता दें कि इस बात को लेकर आज एक बार फिर से नीतीश के सियासी भतीजे यानि की बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने उन्हें घेरा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोतिहारी यात्रा को लेकर एक ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार की नूरा कुश्ती में बिहार का विकास ठप है. उन्होंने ‘डबल इंजन की सरकार’ में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की भी मांग की.
तेजस्वी ने लिखा है कि विगत जुलाई से बिहार में विकास के नाम पर एक ईंट तक नहीं लगी है. हर क्षण शह और मात का खेल चलता रहता है। इसमें राज्य का विकास ठप पड़ा है. प्रधानमंत्री ने चार साल में बिहार से किया कोई भी वादा पूरा नहीं किया है. उन्होंने राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया. विशेष पैकेज भी नहीं दिया. नौकरियां और रोज़गार नहीं दी. कोई नया प्रोजेक्ट नहीं दिया. पटना यूनिवर्सिटी तक को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा नहीं दिया.
तेजस्वी ने नीतीश कुमार से सवाल किया है कि जनादेश की डकैती करने और भाजपा को चोर दरवाज़े से सरकार में घुसाने के बाद केंद्र सरकार से बिहार को क्या-क्या विशेष फ़ायदा हुआ है सिवाय दंगों के? लिखा है कि मुख्यमंत्री से जनता जवाब मांग रही है. तेजस्वी ने लिखा है कि पीएम मोदी के बिहार आगमन पर भीड़ जुटाने के लिए स्वच्छाग्रही के नाम पर यूपी, राजस्थान और गुजरात से लोग बुलाए गए हैं. ना बिहारियों को नीतीश कुमार और भाजपा पर यक़ीन रहा, न उन्हें बिहारियों पर.