बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी द्वारा लिखे लेटर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संज्ञान लिया और फिर से उनके आवास की सुरक्षा बहाल करने का आदेश दिया. इसके साथ ही उन्होंने गृह विभाग से इस मामले की पूरी जानकारी की मांग की है. नीतीश के आदेश के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने उनपर बड़ा हमला बोला है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार की मंशा कब बदल जाएगी कोई नहीं जानता. वो तो पलटू राम कहे जाते हैं. एक बार कुछ फैसला लेते हैं और फिर अपना फैसला बदल लेते हैं. उन्हें यह बताना चाहिए कि किसके इशारे पर उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को हटाने को कहा.
तेजस्वी ने कहा कि एडीजी का बयान भी हमने देखा. उन्होंने कहा है कि किसे कितनी सुरक्षा मिली. हम लोगों ने खुद से सुरक्षा वापस किया. हम लोगो ने कभी अपनी सुरक्षा की बात नहीं कही. लालू यादव के नाम से एलॉट सुरक्षा वापस लिया जा चुका था. लालू जी के बहाने राबड़ी देवी के हाउस गार्ड को हटाया गया. एडीजी कहते हैं हम एडीजी के नाते नहीं, पुलिस के प्रवक्ता के नाते प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं. एडीजी बताएं किसके कहने पर करवाई हुई. मेरी सुरक्षा के लिए कोई कैटेगिरी नहीं बनाई गई. सुरक्षा के कैटगरी के लिए मैंने कई बार पत्र लिखा.
इतना ही नहीं तेजस्वी ने यह भी कहा कि बिहार पुलिस तीन भाग में बंट गई है. एक भाजपा और एक जदयू और एक नीतीश जी के नियम के अनुसार चलते हैं.सीएम नीतीश बताएं उनके नाम पर बख्तियारपुर, 7 सर्कुलर रोड और 1 अणे मार्ग में कैसे हाउस गार्ड हैं. हम राजनाथ सिंह से अपील करेंगे. हमारी सुरक्षा की वह खुद समीक्षा करें. मोदी जी सीबीआई लेकर आये और उसी दिन सुरक्षा वापस हुई. उसी दिन मेरे पास एक पत्र आया जिसमें लिखा था मैंने 5 देशरत्न मार्ग पर जबरन कब्जा किया है.