तस्वीरों में जरूर देखना चाहेंगे कि सऊदी में महिलाओं का रहन-सहन कैसा होता है। ये तस्वीरें रोचक हैं और बहुत कुछ कहती हैं। इन तस्वीरों को खींचा है ब्रिटिश फोटोग्राफर ओलिविया आर्थूर ने। उन्होंने इन तस्वीरों को अपनी किताब ‘जेद्दाह डायरी’ में शामिल किया। साल 2009 ब्रिटिश काउंसिल ने उन्हें जेद्दाह में दो-हफ्ते की फोटोग्राफी वर्कशॉप के लिए बुलाया।

फोटाग्राफी सिखाने के अलावा ओलिवा खुद को सऊदी में रहने वाली महिलाओं की तस्वीरें खींचे बगैर रोक नहीं पाईं। वो कैमरे में कैद कर लेना चाहती थी वो लाइफस्टाइल जिसमें वहां की महिलाएं जीती हैं। ओलिविया में बताया कि वो दुनिया को दिखाना चाहती थीं कि असल में वहां की महिलाओं की जिंदगी कैसी होती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की तस्वीरें लेना वहां एक बड़ी भूल हो सकती है।
 
 
ड्राइविंग तो ड्राइविंग, वहां महिलाओं को पढ़ने और घूमने के लिए भी घरवालों की इजाजत लेनी पड़ती है। महिलाओं को बुरके में ही तस्वीरें खिंचवाने को कहा जाता है। इसके लिए उनके घरवालों की इजाजत भी लेनी पड़ती है। उन्होंने कई क्लास की महिलाओं की तस्वीरें ली और पाया कि हर जगह वहां औरतों के ऊपर पाबंदियां नहीं हैं।

कुछ औरतों ने उन्हें बताया कि उनके ब्वॉयफ्रेंड्स हैं और वो उनके साथ लेट-नाइट पार्टी भी करती हैं। उनके माता-पिता को इसका पता है और वो उनकी जिंदगी से कोई शिकायत नहीं रखते। ओलिविया ने ये भी बताया कि पहले तो उन्हें ये तस्वीरें लेने में काफी दिक्कत हुई। हर तस्वीर खींचने की वजह बतानी पड़ती थी। औरतें बगैर बुरके के तस्वीरें लेती ही नहीं। ऐसे में वो कई बार सोच में पड़ जाती थी कि बुरके वाली महिलाओं की तस्वीरें लेकर वो क्या करेंगे।
 
 
ओलिविया ने कहा कि उन्होंने फोटोग्राफी भारत से ही सीखी है। सीखने के लिहाज से भारत गजब का देश है पर काम के लिए वो कोई शांत जगह ही प्रेफेर करती हैं।
है ना सबकुछ हैरान कर देने वाला? नियम और जिंदगियां।
तस्वीरें-स्लेटडॉटकॉम और वाइस डॉटकॉम से।

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