रियाद: 22 देशों के अरब लीग के नेता, जो सऊदी के देहरान शहर में रविवार यानी आज बैठक करेंगे. इस बैठक उद्देश्य सीरिया के संघर्ष का हल खोजने के प्रयासों में निरंतरता पर जोर देना और सीरिया के बिगड़ते हालातों पर काबू पानी के लिए यह बैठक बहुत अहम मानी जा रही है.
अरब न्यूज़ के मुताबिक, शनिवार को असद शासन के खिलाफ अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने 103 मिसाइलों से हमला किया. साथ ही अमेरिका ने सीरिया नागरिकों पर हुए कैमिकल हमलों के लिए सीरिया के राष्ट्रपति असद को चेतावनी देते हुए कहा की असद को कैमिकल हमलों की कीमत चुकानी होगी. आपको बता दें कि, अरब नेताओं को संघर्ष के समाधान का पता लगाने के लिए शासन पर दबाव बढ़ाने के लिए अरब और अंतर्राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करने की संभावना है.
आज इन मुद्दों पर होगी चर्चा
सीरिया में चल रहे विनाशकारी युद्ध को खत्म करना बैठक की पहली प्राथमिकता होगी. साथ सीरिया के हालात बेहतर करने के लिए प्रयासों को आगे बढ़ाया जाएगा. इसके अलावा सभी अरब नेता ईरान के खिलाफ कड़े रुख के लिए अरब लीग सम्मेलन पर हावी होने की उम्मीद है क्योंकि सीरिया और यमन में युद्ध के क्षेत्रीय तनाव बढ़ते ही जा रहें है.
आज की बैठक में “फिलिस्तीन मुद्दा” भी एजेंडे में शामिल होगा. सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) के मुताबिक, इससे पहले हुई अरब विदेश मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए और शिखर सम्मेलन की तैयारी करते हुए अल-जुबैर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इजराइल की राजधानी के रूप में येरुशलम को मान्यता देने वाले फैसले की भी निंदा की.
सऊदी अरब में जॉर्डन के राजदूत अली अल-क़येद ने कहा, “सीरिया, यमन और फिलिस्तीन के साथ सभी प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दे एजेंडे पर हैं.” नेशनल सोसाइटी फॉर ह्यूमन राइट्स (एनएसएचआर) के संस्थापक सदस्य डॉ इब्राहिम अल-क़य़ीद ने कहा कि शनिवार की हवाई हमलों को “पश्चिमी और अरब राष्ट्रों द्वारा बड़े पैमाने पर स्वागत किया गया है, जो नागरिकों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का उपयोग बार-बार करके मानवता के खिलाफ हो रहे ज़ुल्म की निंदा की.
उन्होंने कहा कि, “सीरिया में संकट को कम करन बेहद ज़रूरी है, जहां आबादी में आधे से ज्यादा लोग देश से भाग गए हैं या बेघर हो गए हैं.” हमारा उद्देश्य सीरिया के हालातों को बेहतर करना है.