सुप्रीम कोर्ट ने अपने बड़े फैसले में नागरिक के निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार माना है। इसके साथ ही निजता अब मौलिक अधिकारों में शामिल हो गया है। साथ ही विभिन्‍न सरकारी या गैर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने या अन्‍य किसी भी मामले में आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्‍त हो गई है। बिहार में आम लोगों ने इस फैसले का स्‍वागत किया है।

गुरुवार के पूर्वाह्न जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया, लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं। पटना विश्‍वविद्यालय के छात्र पंकज सिंह ने कहा कि बैंक अकाउंट से लेकर छात्रवृत्ति तक हर जगह आधार कार्ड चाहिए, लेकिन उनके पास यह नहीं है। पंकज ने अब इसकी अनिवार्यता समाप्‍त होने के बाद राहत की सांस ली है। मगध विवि की स्‍नातकोत्‍तर छात्रा स्‍वाति कहती हैं कि निजता का अधिकार तो मिलना ही चाहिए।

बाकरगंज के व्‍यवसायी गणेश मंडल कहते हैं कि व्‍यस्‍तता के कारण वे अभी तक आधार कार्ड नहीं बनवा सके हैं। इस बीच आधार और पैन कार्ड को लिंक को लिंक कराने के निर्देश के कारण वे परेशान थे। कहते हैं कि अब राहम मिली है।

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