सऊदी अरब एक नई मानवाधिकार रणनीति के लॉन्च करने जा रहा है. जिसमें हर किसी को उसके वैध अधिकार दिए जाएंगे. रियाद के मानवाधिकार आयोग, नासिर अल-शहरानी ने कहा कि उनके देश में मानव अधिकारों के क्षेत्र में भारी बदलाव हुए हैं. इसी के साथ हर सऊदी वासी को नौकरी देना भी सऊदी वासियों के मानवाधिकार के अंतर्गत आते है.
जिनेवा में एक बैठक में बोलते हुए, अल-शहरानी की रिपोर्ट सऊदी अख़बार अशरक अल-अवसत ने की थी और कहा था कि मानवाधिकारों में सुधार करने पर काम एक राष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वर्तमान शासन द्वारा 100 से अधिक पहलों को शामिल किया गया है. परिवर्तनों को “मानवाधिकारों से संबंधित कानूनी और संगठनात्मक क्षेत्रों में देखा जाएगा, जिनमें न्याय, आपराधिक न्याय, अखंडता को मजबूत करना, भ्रष्टाचार का मुकाबला करना, जाति भेदभाव, महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के साथ-साथ शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के अधिकार भी शामिल हैं.
भविष्य में बदलेगा सऊदी
मिडिल ईस्ट मॉनिटर के मुताबिक, सऊदी अपने अपमानजनक मानवाधिकार रिकॉर्ड पर कई रिपोर्टों का विषय रहा है. राजनीतिक आजादी की कमी पर सऊदी की निंदा की गई है; मुक्त भाषण का दमन; एसोसिएशन में बाधा, देश में मौत की सजा की उच्च दर और रियाद के यमन में युद्ध के निष्पादन का जिक्र नहीं है.
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस महीने संकेत दिया था कि उनका देश मानवाधिकारों पर चिंताओं को दूर करने के लिए बदलाव करने को तैयार है. टाइम्स मैगज़ीन से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सऊदी अधिकारियों के पास निष्पादन की संख्या को कम करने की योजना है, लेकिनवह हत्या के दोषी लोगों को निष्पादन सीमित नहीं करेंगे.
अल-शहरानी के मुताबिक, वर्तमान शासन के तहत होने वाले संरचनात्मक बदलावों का यह एक छोटा सा उदाहरण है. “दो पवित्र मस्जिदों के कस्टोडियन के नेतृत्व में किंग सलमान बिन अब्दुलज़ीज़, सऊदी विजन 2030 के तहत यह कार्य किये जा रहे है.