रुढ़ीवादी मुल्क की छवि से बाहर निकलने के लिए सऊदी सरकार ने सामाजिक प्रतिबंधों को कम करने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सऊदी अरब की सरकार ने अपने क्वालिटी ऑफ लाइफ प्रोग्राम के तहत जेंडर मिक्स को वैध करार देते हुए व्यवसायों के लिए अनिवार्य प्रार्थना को भी खत्म कर दिया है। सऊदी किंगडम ने 236 पन्नों को डॉक्यूमेंट को रिपोर्टर्स के पास भेजा है, जिसमें सरकार ने अपने नए क्वालिटी ऑफ लाइफ प्रोग्राम के बारे में बताया है।
सऊदी अरब में सामाजिक प्रतिबंधों को कम करना क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) के काम का मुख्य हिस्सा रहा है। बिन सलमान खुद कह चुके हैं कि सऊदी की इकनॉमी को वे अब सिर्फ तेल पर निर्भर नहीं रखना चाहते हैं, इसलिए विदेशी निवेश को भी आकर्षित करने में लगे हैं। क्राउन प्रिंस का महत्वकाक्षीं विजन 2030 के तहत ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को श्रमिकों में शामिल करने के लिए प्रोत्साहन करना और एक मजबूत विकास संभावनाओं के साथ एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की पहचान करना है।
इस नए डोक्यूमेंट में बताया गया है कि सामाजिक एकता के लिए आदमी और महिला एक दूसरे से मिल सकते हैं और कहीं पर भी जा सकते हैं। साथ प्रार्थना के वक्त भी किसी भी शख्स को अपना स्टोर खोलने की आजादी है। इसके अलावा महिलाएं पब्लिक प्लेस में भी स्पोर्ट्स में भाग ले सकती है। इस डोक्यूमेंट कहा गया है कि इन क्षेत्रों में नए नियमों को पारित होने के बाद लोगों की जीवनशैली गतिविधियों में नागरिक भागीदारी में सुधार होगा और निवेशकों का आत्मविश्वास को भी बढ़ावा मिलेगा।
सऊदी अरब में अगले प्रिंस की कतार में खड़े बिन सलमान ने पिछले कुछ महिनों में इस खाड़ी में मुल्क अभुतपूर्व सामाजिक बदलाव किए है, जिसमें लंबे समय से बंद पड़े सिनेमा, महिलाओं के लिए ड्राइविंग, स्टेडियम में महिलाओं को जाने की आजादी और जेंडर मिक्स्ड म्यूजिक कंसर्ट शामिल है। इससे पहले सऊदी में दिन में पांच बार नमाज के वक्त दुकानों, रेस्टोरेंट, कैफे और यहां तक कि मेडिकल स्टोर को भी बंद करना पड़ता था। अब इस कठोर नियम को बिन सलमान ने हटा दिया है