एयरक्राफ्ट एक्‍ट के तहत नियमों को बनाने का मकसद भले ही मुसाफिरों और विमान में मौजूद केबिन क्रू की सुरक्षा रहा हो, लेकिन चार मई की शाम यही नियम छेड़छाड़ से पीड़िता एक एयर होस्‍टेस के लिए अभिशाप बन गए. दरअसल, यह मामला विमान के कॉकपिट में पायलट द्वारा एयर होस्‍टेस के साथ छेड़छाड़ से जुड़ा है. वाकया तब हुआ जब दोनों दुबई के कनेक्टिंग फ़्लाइट अहमदाबाद से मुंबई के लिए एयर इंडिया की उड़ान पर थे. मुंबई पहुंचने के बाद पीड़ित एयर होस्‍टेस ने सहार पुलिस स्‍टेशन पर पायलट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. पीड़ित एयर होस्‍टेस की शिकायत पर सहार पुलिस स्‍टेशन ने आईपीसी की धारा 354 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
 
दुबई कनेक्टिंग फ़्लाइट अहमदाबाद से मुंबई के लिए रवाना हुए थे दोनो
सूत्रों के अनुसार पीड़ित एयर होस्‍टेस की ड्यूटी अहमदाबाद से मुंबई जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-985 में थी. अहमदाबाद एयरपोर्ट से एयर इंडिया की इस फ्लाइट ने शाम करीब 7.30 बजे उड़ान भरी. उड़ान भरने के कुछ समय बाद कॉकपिट में मौजूद दो पायलट में एक पायलट वॉशरूम जाने के लिए बाहर आ गया. नियमानुसार एयर होस्टेस को कॉकपिट में मौजूद पायलट की मदद के लिए जाना पड़ा. इसी दौरान मौके का फायदा उठाकर पायलट ने एयर होस्टेस के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी.
 
 
अस्‍मत बचाने के लिए कॉकपिट से बाहर भागी एयर होस्‍टेज
नियमानुसार दूसरे पायलट के आने तक एयर होस्टेस कॉकपिट से बाहर नहीं आ सकती थी. एयर होस्टेस के दिमाग में यह भी था कि वह कॉकपिट से बाहर गई तो पायलट नियमों का हवाला देकर उसके खिलाफ ही मामला बना सकता है. लिहाजा, वह कॉकपिट के भीतर रहते हुए पायलट की हरकतों का पुरजोर विरोध करती रही और पायलट अपनी मनमानी करता रहा. दूसरे पायलट के आते ही एयर होस्टेस कॉकपिट से भागकर बाहर आ गई. बाहर आने के बाद उसने इस घटना की जानकारी फ्लाइट में मौजूद अन्‍य क्रू-मेंबर को दी.
 
 
मुंबई पहुंचते ही पायलट के खिलाफ दर्ज कराया मामला
मुंबई एयरपोर्ट पहुंचने के बाद पीड़िता ने सबसे पहले इस घटना के बारे में एयर इंडिया के अधिकारियों को जानकारी दी. एयर इंडिया के अधिकारियों के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराने के बाद एयर होस्टेस  रात करीब 10.30 बजे सहार पुलिस स्‍टेशन पहुंच गई. वहां उसने अपने साथ हुई छेड़खानी की दास्‍तां पुलिस कर्मियों के समक्ष रखी. जिसके बाद एयर होस्टेस ने लिखित शिकायत दी. जिस पर त्‍वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पायलट के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 के तहत मामला दर्ज कर लिया.
 
 
क्‍या है नियम … 
एयरक्राफ्ट एक्‍ट के तहत प्रावधान है कि कॉकपिट में एक समय पर कम से कम दो लोग होने चाहिए. सामान्‍य तौर पर कॉकपिट में फ्लाइट कैप्‍टन और को-पॉयलट होते हैं. किसी वजह से दोनों पायलट में किसी एक पायलट को कॉकपिट से बाहर आना पड़े, तो दूसरे पायलट की मदद के लिए केबिन-क्रू के किसी एक सदस्‍य को कॉकपिट में जाना होगा. एयरलाइंस से जुड़े वरिष्‍ठ अधिकारी ने इन नियमों के मकसद के बारे में बताया कि कॉकपिट के दरवाजे को सिर्फ अंदर से खोला जा सकता है.
 
 
उदाहरण के तौर पर एक पायलट के कॉकपिट के बाहर जाने के बाद दूसरे पायलट को हार्ट अटैक या कोई दूसरी परेशानी आ जाती है, ऐसे स्थिति में कॉकपिट के बाहर मौजूद कोई भी शख्‍स उसके भीतर नहीं जा सकता है. नतीजतन, प्‍लेन के क्रैश तक के हालात बन सकते हैं. इसके अलावा, कॉकपिट में बहुत से ऐसे प्रोसीजर होते हैं, जिन्‍हें अकेले एक पायलट द्वारा पूरा कर पाना संभव नहीं है. इन्‍हीं बातों को ध्‍यान में रखते हुए कॉकपिट में एक समय में हमेशा दो लोगों की मौजूदगी का नियम बनाया गया है.

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