जेद्दाह- 55 वर्षीय अबू हदी एक ऐसे शख्स है जो इन दिनों खाने की तलाश में दर-दर भटक रहे है. दरअसल कुछ दिनों पहले अबू हदी की ज़िन्दगी में सब कुछ सही चल रहा था. उनके पास नौकरी भी थी और नौकरी से जो पैसे मिलते थे उससे 7 सदस्यों वाला परिवार है. उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वह पुल के नीचे अपनी ज़िन्दगी बिताएंगे.
सऊदी गेजेट के मुताबिक, अबू हदी निजी बस चालक के रूप में कई वर्षों तक कड़ी मेहनत के बाद पैसे कमाकर अपने परिवार का गुज़ारा कर रहे थे. यातायात विभाग द्वारा निजी बस ड्राइवरों पर प्रतिबंध लगाने वाले फैसले के बाद के अबू हदी से उसकी ड्राईवर की नौकरी छीन ली गयी. अबू हदी बेरोजगार हो गई क्योंकि अब उनकी उम्र इतनी ज्यादा हो चुकी है कि उन्हें कहीं और नौकरी मिलने की उम्मीद नज़र नही आ रही है. आपको बता दें कि, अबू हदी सऊदी के दक्षिण राज्य के रहने वाले है.
वर्ल्ड न्यूज़ अरेबिया को मिली जानकारी के मुताबिक, अबू हदी को दिल की बिमारी है यानी उन्हें हृदयरोग है. जेद्दाह के किंग अब्दुलजीज़ अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा हैं. वह सऊदी के दक्षिण से है रोज़ मेडिकल चेक-अप के लिए नियमित रूप से जेद्दाह आते है. उन्होंने जेद्दाह में एक निजी बस ड्राईवर के रूप में काम किया जब तक प्रतिबंध निर्णय लागू नहीं हुआ था. अबू हदी अपने परिवार के सात लोगों का पेट पालने के लिए लंबे समय तक काम करते थे.
प्राइवेट बस ड्राइवरों पर प्रतिबंध ने उन्हें बेरोजगार बना दिया गया, अबू हदी के पास दक्षिण में वापस रहने वाले अपने परिवार को अपने वेतन भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. चूंकि जेद्दाह में उनका कोई रिश्तेदार नहीं है और वह ईलाज पूरा किये बिना अपने घर भी नहीं वापिस जा सकते है. ना ही उनके पास इतने पैसे है जिससे वह जेद्दाह में रहने के लिए अपने लिए घर खरीद सकें. इसलिए उसे पुल के नीचे रहने और पैसे मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा.
श्रम और सामाजिक विकास मंत्रालय के एक स्रोत ने कहा कि भीख मांगना सऊदी के कानून के खिलाफ है. अगर एक सऊदी नागरिक को भीख मांगना पड़ती है, तो उसे जिम्मेदार अधिकारियों को उसके और उसके मामले की जांच करने के लिए स्थानांतरित कर दिया जाएगा और आवश्यक समर्थन प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाये जाते है. अगर भिखारी बच्चा होता है, तो उसे उसके परिवार को सौंप दिया जाता है. अगर सऊदी में प्रवासी लोग भीख मांगते है तो उन्हें देश से निकाल दिया जाता है.