2003 में भारत से एक भारतीय कारोबारी चंद दिरहम के साथ यूएई पहुंचा था और 15 साल बाद उसके पास इतनी दौलत है कि उसने समाज के लिए कुछ करने का फैसला किया. ईसाई धर्म को मानने वाले चेरियन इन दिनों गल्फ में न्यूज हेडलाइन बने हुए हैं. दरअसल, उन्होंने महान काम किया है. उन्होंने सैकड़ों मजदूरों को रमजान के मौके पर मस्जिद तोहफे में दी है. उन्होंने मुस्लिम श्रमिकों के लिए मस्जिद का निर्माण किया, जो एक कार्यकर्ता आवास में रह रहे थे.
मस्जिद का निर्माण अल हेल औद्योगिक क्षेत्र में ईस्ट विले रियल एस्टेट परिसर में 1.3 मिलियन दिरहम यानी 2.4 करोड़ रुपए की लागत से कराया है. केरल के छोटे से गांव कायमकुलम के रहने वाले चेरियन ने कुछ समय पहले कुछ वर्कर्स को टैक्सी लेकर पास की मस्जिद में जाते देखा था, उसके बाद ही उन्होंने एक मस्जिद बनवाने का फैसला किया. दरअसल, कुछ मजदूर 20 दिरहम यानी 369 रुपए खर्च करके फुजैराह सिटी या दूसरे इंडस्ट्रियल एरिया में जुमा की नमाज अता करने जाते थे.
गल्फ न्यूज के मुताबिक, चेरियन ने मन बनाया कि मजदूरों के लिए एक मस्जिद का निर्माण कराया जाए. इससे मजदूरों को खुशी मिलेगी. खुद करवाया मस्जिद का निर्माण चेरियन के मुताबिक, जब मस्जिद की चर्चा शुरु हुई, तो कई लोगों ने डोनेशन और कैश ऑफर किया.
इसके अलावा कुछ लोग कंस्ट्रक्शन से जुड़ी चीजें देने के लिए आगे आए. लेकिन, उन्होंने बड़ी विनम्रता से सभी ऑफर को इनकार कर दिया. दरअसल, चेरियन अपनी जेब से इस मस्जिद का निर्माण कराना चाहते थे. चेरियन के मुताबिक, मस्जिद अब पूरी तरह बनकर तैयार हो चुकी है.
फुजैराह में Awqaf की मदद से बनाई गई मस्जिद खुलने को भी तैयार है. Awqaf अधिकारियों को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि चेरियन एक ईसाई हैं और मस्जिद बनवाना चाहते हैं. उन्होंने अपनी पूरी मदद का आश्वासन दिया और मुफ्त बिजली-पानी देने का वादा भी किया. हालांकि, चेरियन ने किसी की भी कोई मदद नहीं ली.