तमिलनाडु सरकार ने सोशल मीडिया के जरिये अफवाह फैलने से रोकने और शांति बहाली के लिए बुधवार (23 मई) को तूतीकोरिन और उसके आसपास के तिरुनेलवेली और कन्याकुमारी जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी. सरकार ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश प्रसारित होने का आरोप लगाते हुए एक आदेश में कहा कि ऐसे संदेशों से मंगलवार (22 मई) को तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर संयंत्र के खिलाफ करीब 20 हजार लोगों की बड़ी भीड़ एकत्रित हो गई.
इसका परिणाम बाद में हिंसा और पुलिस कार्रवाई के तौर पर सामने आया. सरकार ने कहा कि असामाजिक तत्व स्थिति का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं. सरकार ने इन तीन जिलों में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के नोडल अधिकारियों को 23 मई से 27 मई तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने का निर्देश दिया.
पुलिस की गोलीबारी में अबतक 11 की मौत, केंद्र ने तमिलनाडु से रिपोर्ट मांगी
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पुलिस की गोलीबारी में अबतक 11 की मौत हो गयी है. राज्य सरकार ने हिंसा की जांच के लिए मद्रास उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन के नेतृत्व में एक आयोग का गठन किया है. मंगलवार (22 मई) के बाद बुधवार (23 मई) के दिन हिंसा होने के बाद राज्य सरकार ने तूतीकोरिन के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया है. बहरहाल, केंद्रीय गृह मंत्रालय वेदांता समूह के स्टरलाइट तांबा संयंत्र को बंद करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी के लिए बने हालात पर तमिलनाडु सरकार से एक रिपोर्ट मांगी है. बड़े पैमाने पर हुई हिंसा का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
पर्यावरण संगठनों, एमनेस्टी ने तूतीकोरिन में प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की निंदा की
पर्यावरण के लिए काम करने वाले संगठनों ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन शहर में स्टरलाइट कॉपर संयंत्र का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस की गोलीबारी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मौजूदा स्थिति से देश में पर्यावरण संबंधी शासन की ‘‘पूर्ण नाकामी’’ का पता चलता है. सेंटर फोर साइंस एंड इन्वायरनमेंट (सीएसई) ने कहा कि कंपनी के व्यापारिक हितों पर लोगों के हितों को तरजीह दी जानी चाहिए.
सीएसई ने साथ ही संयंत्र स्थायी रूप से बंद करने एवं स्थल और उसके आसपास के वातावरण को विषाक्तता मुक्त करने की योजना बनाने की सिफारिश की. ग्रीनपीस ने पुलिस की कार्रवाई को ‘‘अस्वीकार्य’’ बताते हुए कहा कि वह लोगों एवं समुदायों के साथ एकजुटता दिखाता है. वहीं एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने कहा कि तमिलनाडु पुलिस के अत्यधिक बल का इस्तेमाल करना विरोध प्रदर्शन को कुचलने की सरकार के संकल्प को दिखाता है.