रूस और सऊदी अरब ने शुक्रवार को कहा कि उनका मानना ​​है कि जुलाई में तेल उत्पादन में धीरे-धीरे बढ़ोतरी करना संभव है क्योंकि 2014 के बाद से विश्व तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है.
अल अरेबिया के मुताबिक, इस बीच, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि मॉस्को कच्चे तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट से संतुष्ट होगा, जो हाल ही में 80 डॉलर के स्तर से है.
रूस और सऊदी अरब ओपेक और अन्य उत्पादकों के बीच एक समझौते के पीछे प्रमुख मूवर्स हैं जिनके पास 2017 के बाद से सीमित उत्पादन है, लेकिन विशेषज्ञों का डर है जल्द ही कीमतों में तेजी लायी जा सकती है.

अरब नामा को मिली जानकारी के मुताबिक, सऊदी तेल मंत्री खालिद अल-फलेह ने रूस में एक आर्थिक सम्मेलन में कहा कि आरआईए नोवोस्ती एजेंसी के अनुसार, किसी भी आपूर्ति झटके को रोकने के लिए साल के दूसरे छमाही में धीरे-धीरे उत्पादन वृद्धि हो सकती है.
उनके रूसी समकक्ष अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा कि उन्होंने चर्चा की थी कि उन्हें उत्पादन सीमा को कम करने की आवश्यकता है या नहीं.
रूस की एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के मुताबिक नोवाक ने कहा, “अगर हम एक आम राय में आते हैं कि आपूर्ति को बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है” शायद हम तीसरी तिमाही से तेल की आपूर्ति बढ़ा दें. “आपको बता दें कि, इसे भी सऊदी ने तेल की बढती कीमतों पर विश्व को आपूर्ति का आश्वासन दिया था

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