मध्य प्रदेश के भोपाल के मिसरोद इलाके में एक महिला ने पति से वियोग विवाद के बाद उसके काल रखते ही फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस को मौके से ऐसा कोई सुराग नहीं मिला है जिससे मौत के कारणों का पता लगाया जा सके। पूछताछ में जो बात सामने आई है उसके मुताबिक महिला का पति दुबई के प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था और कंपनी ने उसे संडे तय समय पर छुट्टी नही दिया। पत्नी कुछ समय से बच्चों के साथ कहीं घूमने जाने की बात कहती थी लेकिन छुट्टी न होने के चलते पति ऐसा नहीं कर पाता था। इसी बात से वो नाराज थी और उसने खुदकुशी कर ली।
मिसरोद पुलिस के मुताबिक 26 वर्षीय श्वेता, गांधी पीआर कॉलेज के पास बच्चों के साथ रहती थी। शैलेंद्र एक डुबाईं के निजी कंपनी में मार्केटिंग का काम करता है। अक्सर पत्नी कहीं ना कही घूमने की प्लानिंग करते रहती थी। लेकिन पिछले कई सालों से कंपनी के काम के कारण शैलेंद्र परिवार को घुमाने नहीं ले जा पा रहा था। शैलेंद्र के पड़ोसी और पारिवारिक मित्र राजीव गौतम ने बताया कि सुबह करीब 11.30 बजे शैलेंद्र का कॉल आया था। इस दौरान श्वेता ने कहा कि पिछले कितने समय से घूमने नहीं ले गए हो। जल्दी आओ.
शैलेंद्र ने अपने काम का हवाला देते हुए कहा कि अभी छुट्टियाँ नही हो पा रही हैं, लेकिन जल्द चलेंगे। इतना सुनते ही श्वेता ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। चार और दो साल के उसके बच्चे टीवी देखने में मशगूल थे। शैलेंद्र के छोटे भाई ने घर से निकलने के पहले साथ रहने वाले अपने 15 साल के भतीजे माखन से कहा कि थोड़ी देर बाद दरवाजा खटखटा देना तो तेरी चाची दरवाजा खोल देगी। शैलेंद्र के भाई के बताए अनुसार माखन ने कई बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन उसकी चाची ने दरवाजा नहीं खोला। इसके अलावा उसे कमरे से कोई आहट नहीं मिली। उसने चाचा को फोन पर इस बात की जानकारी दी। इस पर शैलेंद्र के छोटे भाई ने दरवाजा में जोर से धक्का मारने को कहा। ऐसा करने पर अंदर से बंद दरवाजे की सिटकनी टूट गई और दरवाजा खुल गया। माखन ने देखा कि उसकी चाची दुपट्टे का फंदा लगाकर फांसी लगा चुकी थी।