जेद्दाद: सऊदी शौरा परिषद द्वारा सोमवार को उत्पीड़न का उल्लंघन करने वालों के लिए एक नया मसौदा कानून को मंजूरी दी गयी.  इस नए कानून के तहत दोषी व्यक्ति को पांच साल की कारावास और एसआर 300,000 (करीब $ 80,000) तक जुर्माना लगाया जाएगा.

क्या है इस कानून में ?

अरब न्यूज के अनुसार यह नया मसौदा कानून “इस्लामी कानून और विनियमों के प्रावधानों द्वारा गारंटीकृत व्यक्तियों की गोपनीयता, गरिमा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने के लिए उत्पीड़न के अपराध से लड़ने,अपराधियों को दंडित करने और पीड़ितों की रक्षा करने का लक्ष्य रखता है.”
अरब न्यूज के अनुसार शौरा के सदस्य होदा अल-हेलासी ने बताया की “मुझे विश्वास है कि यह कानून अत्यधिक महत्वपूर्ण है.” शौरा परिषद ने सोमवार को उत्पीड़न का मुकाबला करने के लिए ड्राफ्ट कानून को मंजूरी दी है , इस कानून में विरोधी उत्पीड़न कानून के बाद बहुत मांग की गई, जिसमें आठ आर्टिकल शामिल हैं .”

परिषद के सत्र की अध्यक्षता में राष्ट्रपति शेख अब्दुल्ला अल-असीख ने कानून के प्रावधानों वाले सामाजिक, परिवार और युवा मामलों के लिए समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद ऐतिहासिक मसौदे कानून को मंजूरी दे दी गयी है.
 
सऊदी गैजेट के अनुसार इस कानून में यह बताया गया कि उत्पीड़न की एक स्पष्ट परिभाषा जांचकर्ताओं को शिकायतों पर सही निर्णय लेने में मदद करेगी और अपराधियों पर उपयुक्त दंड लगाएगी.
 
सऊदी प्रेस एजेंसी की रिपोर्ट में राजा ने एक व्यक्ति, परिवार और समाज पर उत्पीड़न के बड़े पैमाने पर नकारात्मक प्रभाव को ध्यान में रखकर कानून बनाने के लिए आंतरिक मंत्रालय को निर्देश दिया था. राजा के निर्देश में उत्पीड़न को अपराधी बनाने और दंड को परिभाषित करने की आवश्यकता का भी अर्थ है ताकि समाज में ऐसे अपराधों की घटना को रोक सके.

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