कुवैत बर्बादी के कगार पर आ रहा था पर पर उसे एक शक्ति ने ऐन मौके पर आकर बचा लिया और एक खुशहाल देश की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। बता दें कि इस देश पर गौ शक्ति की कृपा हुई और एक चमत्कार हो गया। कुछ दिनों पहले खाड़ी देशों ने अपने पड़ोसी देश कतर से सारे रिश्ते खत्म दिए थें। इसके पीछे खाड़ी देशों ने आरोप लगाया था कि कतर ईरान से नजदीकी बढा रहा है। इसके पीछे सभी देशों की सोच थी कि अगर कतर से सारे रिश्ते खत्म कर दिए जाए तो यह देश हर चीज के लिए तरस जाएगा और बाकि खाड़ी देशों के आगे झुक जाएगा।

लेकिन हुआ ठीक इसका उल्टा। खाड़ी देशों से दुश्मनी भी कतर के लिए तरक्की लेकर आई। कतर अब पहले से ज्यादा मजबूत और आत्मनिर्भर हो गया है। पहले आलम ये था कि दुनिया के इस सबसे अमीर देश में एक डेयरी तक नहीं थी। सऊदी ने विवाद के चलते सप्लाई बंद की तो यहां गायों के एयरकंडीशंड बाड़े खुल गए, जहां दूध निकालने के लिए मशीनें लगी हुई हैं। ये तस्वीर कतर के ही बलाडना फार्म की है, जहां इस वक्त 10 हजार गायें रहती हैं। इसमें से ज्यादातर अमेरिका के कैलिफोर्निया, अरिजोना और विस्कॉनसिन से लाई गई हैं।

खाड़ी संकट शुरु होने की वजह से पड़ोसी देशों ने सबसे पहले जरुरी सामानों की सप्लाई रोक दी थी। इसके पीछे का कारण कतर को झुकाना था। कतर दूध के मामले में पड़ोसी देश सऊदी अरब पर निर्भर था लेकिन सऊदी ने उसकी सप्लाई भी बंद कर दी। कुछ दिनों के संकट के बाद कतर ने इसका भी उपाय निकाल लिया। महीने भर बाद ही कतर एयरवेज की फ्लाइट के जरिए गायों की पहली खेप यहां लाई गई।

बलडाना फार्म के मैनेजर पीटर वेल्टेव्रेडेन ने बताया कि सबने कहा था कि ये सब कर पाना नामुमकिन है लेकिन हमने कर दिखाया। हम वादे के मुताबिक, कतर संकट शुरू होने के एक साल के अंदर ताजे दूध के मामले में आत्मनिर्भर हो गए।

बलडाना फार्म के मैनेजर पीटर वेल्टेव्रेडेन ने की माने तो उनका यह कहना है कि दुसरे देशों के लोग यह कह रहे थे कि यह संभव नहीं है, पर हमने भी हार नहीं मानी और कर दिखाया। अब हमारे देश में ताजे दूध की बहार है। हम दूध उत्पादन करने वाला एक बड़ा देश बन गये हैं।

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