बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के इंटर की परीक्षा दे चुके छात्रों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. जिसके तहत यह कहा जा रहा है कि अब इंटर के टॉप-10 विद्यार्थियों की मेधा सूची बदलने जा रही है. सोनी कुमारी नामक छात्रा जोकि बख्तियारपुर की रहने वाली है वो पटना जिलें की नई टॉपर होगी. इससे पहले उसका रिजल्ट रोक दिया गया था क्योंकि वो फिजिकल वेरिफिकेशन में शामिल नहीं हुई थी.
वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद जब सोनी का रिजल्ट जारी किया गया तो वह पटना जिला में साइंस संकाय में सबसे अधिक नंबर प्राप्त करने वाली परीक्षार्थी बनी. उसे 500 में 413 अंक मिले हैं. इस अंक के साथ सोनी ओवरऑल टॉपर्स की लिस्ट में भी छठे स्थान पर पहुंच गई है. बोर्ड ने अभी तक रिजल्ट की आधिकारिक घोषणा नहीं की है. बोर्ड अध्यक्ष ने रिजल्ट की गोपनीयता का हवाला देते हुए किसी भी तरह की जानकारी साझा करने से मना किया.
इससे पहले छह जून को बोर्ड द्वारा जारी रिजल्ट में पटना मुस्लिम हाईस्कूल के मुस्तफा रजा को 411 अंक प्राप्त करने पर जिला टॉपर घोषित किया गया था. सोनी आरएलएसवाई कॉलेज, बख्तियापुर की छात्रा है. उसका रोल कोड 17005 और रोल नंबर 18010215 है. राज्य स्तर पर सोनी कुमारी मेधा सूची में छठे स्थान पर एसवाई हाईस्कूल, शिवहर के सौरभ प्रकाश के साथ है.
पांच जून को हुआ वेरिफिकेशन
सोनी कुमारी के पिता संजय कुमार ने बताया कि बोर्ड ने फिजिकल वेरिफिकेशन में शामिल होने के लिए एक जून को कार्यालय बुलाया था लेकिन अतिआवश्यक कार्य के कारण निर्धारित तिथि को सोनी वेरिफिकेशन में शामिल नहीं हो सकी थी. बोर्ड ने दोबारा पांच जून को वेरिफिकेशन के लिए बुलाया, जिसमें शामिल होने के बाद सब कुछ सही पाया गया. इसके बाद नौ जून को सोनी का रिजल्ट जारी कर दिया गया. सोनी के पिता ने यह भी बताया कि नौबतपुर की एक छात्रा का नाम और माता-पिता का नाम सोनी के एडमिट कार्ड के समान था. इस आधार पर दोनों स्कूलों के प्राचार्यों से भी परीक्षार्थी के संबंध में जानकारी मांगी गई थी. संजय कुमार ने बताया कि वेरिफिकेशन के दौरान बोर्ड अधिकारियों ने पूरी पारदर्शिता बरती. आने-जाने का पूरा खर्च भी बोर्ड ने ही वहन किया.
पिछले कुछ साल से टॉपर को लेकर होने वाली किरकिरी के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने फिजिकल वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है. बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि टॉपर या जिन परीक्षार्थियों पर शक होगा उनका रिजल्ट वेरिफिकेशन के बाद ही जारी किया जाएगा. वेरिफिकेशन के लिए आने-जाने तथा अन्य सभी खर्च बोर्ड वहन करेगा. फिलाहल मिली जानकारी के अनुसार कई ऐसे छात्र हैं जिनका रिजल्ट इसलिए रोक दिया गया क्योंकि उनका फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं हो सका है.