सयुक्त अरब अमीरात के बाद एक और देश ने वीजा नियमों के बाद बदलाव किया है, जिसके बाद चीन की बल्ले बल्ले हो गई हैं. जबकि भारतीय छात्रों को तगड़ा झटका लगा है. बता दें कि ब्रिटेन ने वीजा नियंमों बदलाव किया है, जिसके बाद यहां पर विश्वविद्यालयों में वीजा आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बनाई गई एक न्यू लिस्ट से भारतीय छात्रों को अलग कर दिया गया है.

इस लिस्ट से अमेरिका, कनाडा और न्यूजीलैंड जैसे देश पहले से ही शामिल थे, अब चीन, बहरीन और सर्बिया जैसे राष्‍ट्रों के नाम शामिल किए गए हैं. ब्रिटेन सूची में एक ओर चीन जैसे देश को शामिल किया है, जबकि भारत को इससे बाहर कर दिया है. इस सूची में भारत का नाम होना इसलिए जरूरी है, क्‍योंकि इस लिस्‍ट में जिन देशों के नाम शामिल हैं, उन देशों के छात्रों को ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए शिक्षा, वित्त और अंग्रेजी भाषा जैसे मानकों पर ज्‍यादा जांचा नहीं जाता है. इस वजह से उन्‍हें आसानी से वीजा मिल जाता है, लेकिन लिस्‍ट में भारत का नाम न होने से भारतीय छात्रों को अब मुश्किल होगी.

जानकारी के मुताबिक, ब्रिटिश सरकार ने देश की इमिग्रेशन पॉलिसी में नए बदलाव कर उन्‍हें शुक्रवार को ही संसद में पेश किया. ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने लगभग 25 देशों के विद्यार्थियों के लिए टियर-4 वीजा कैटेगरी में ढील की घोषणा की है. इमिग्रेशन पॉलिसी में जो बदलाव किये गये वो अगले महीने जुलाई की 6 तारीख से प्रभाव में आएंगे. इसको लेकर ब्रिटेन सरकार इंटरनेशनल स्‍टूडेंट्स के लिए ब्रिटेन में पढ़ाई को आसान बनाने का दावा कर रही है. लेकिन यदि यह बात है तो यह सवाल उठाया जा सकता है कि भारत को इस सूची से बहार क्यों रखा गया है.

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