सऊदी अरब की महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार मिलने से यहां के अधिकांश लोगों के बीच काफी ख़ुशी हैं. यहां महिलाओं पर से ड्राइविंग बैन हटना उनकी एक और आजादी का बड़ा उदाहरण हैं. महिलाएं भी इस फैसले से आजाद महसूस कर रही हैं. लेकिन यह आजादी मिलने के बाद भी ऐसे 10 काम हैं जिसे महिलाएं नहीं कर सकती है. यानि कि 10 काम ऐसे है जो महिलाओं के पूरी तरह से प्रतिबंधित है. आईये जानते हैं इन कामों के बारे में:
-सऊदी अरब की महिलाएं अपने पुरूष अभिभावक की अनुमति के बिना ना तो शादी कर सकती हैं और ना ही तलाक दे सकती हैं.
-अपने परिवार के बिना वो बाहर पुरूषों के साथ घूम नहीं सकती हैं. इसे वहां एक ‘अपराध’ के रूप में देखा जाता है.
-इस इस्लामी देश में महिलाएं उन रेस्तरां में खाना नहीं खा सकती हैं जिनके पास अलग फैमिली सेक्शन नहीं होता है.
-यहां महिलाएं जब भी घरों से बाहर निकलती हैं, वो हिजाब या पर्दा करके चलती हैं. जिसे वहां ‘अबाया’ के नाम से जाना जाता है. हालांकि, रियाद में कुछ महिलाओं ने अपने चेहरे दिखाना शुरू कर दिया है.
-इस्लामी कानून के अनुसार मुस्लिम महिलाएं गैर-मुस्लिमों से शादी नहीं कर सकती हैं और इसका सऊदी अरब में सख्ती से पालन किया जाता है. इसके अलावा, सुन्नी महिलाएं, शिया पुरूष या कम्युनिस्ट (नास्तिक) से शादी नहीं कर सकती हैं.
-कई बिजनेस सऊदी महिलाओं के लिए प्रतिबंधित है और लोन या लाइसेंस देने के लिए पहले कम से कम दो पुरुषों की आवश्यकता होती है, जो महिला के चरित्र को लेकर गवाही दे सकें.
-लड़के की उम्र 7 साल और लड़की की उम्र 9 साल है तो तलाक के मामले में, सऊदी महिलाओं को अपने बच्चों की कस्टडी नहीं मिल सकती.
-महिलाओं के मामले में अदालत में उचित सुनवाई नहीं हो सकती है, जहां एक आदमी की गवाही दो महिलाओं के बराबर होती है. कानून के हिसाब से यहां एक महिला को एक नाबालिग के बराबर माना जाता है और इसलिए उसका अपने जीवन पर थोड़ा बहुत अधिकार है.
-सऊदी की महिलाओं को जायदाद में से भी बराबर का हिस्सा नहीं मिल सकता है. पारंपरिक शरिया कानून की माने तो यहां बेटियों को कम हिस्सा मिलता है जबकि बेटों को ज्यादा.
-सऊदी में महिला उनके पुरुष अभिभावक की आज्ञा के बाद ही पासपोर्ट बना सकती हैं, जबकि यात्रा करने और बैंक खाता खोलने के लिए भी उन्हें पुरूष अभिवावकों से अनुमति लेनी होती है.