बीजेपी के राष्टीय अध्यक्ष अमित शाह के बिहार दौरे से पहले जेडीयू केई तरफ से एक बड़ा ऐलान किया गया है. जिसे जानने के बाद बीजेपी के तरफ से भी प्रतिक्रया आने की उम्मीद है. केंद्र के साथ साथ बिहार में भी बड़े भाई की भूमिका में रहने की चाहत रखने वाली बीजेपी के सामने जदयू ने सबकुछ साफ कर दिया है, जिसपर जदयू चट्टान के तरह अडिग है.
बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर मचे घमासान के बीच जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि बिहार में उनकी पार्टी बड़े भाई के रूप में चुनाव लड़ेगी. इसके अलावा जेडीयू नेता श्याम रजक ने भी कहा कि नीतीश कुमार बिहार में एनडीए गठबंधन के मुख्य चेहरे के रूप में चुनाव लड़ेंगे. जेडीयू बिहार में बड़ा भाई है और नीतीश कुमार का काम भी बड़ा है. अगर बीजेपी अपने अच्छे काम का प्रचार-प्रसार करती है, तो यह पार्टी के लिए अच्छा परिणाम देगा.
यह बयान ऐसे समय में आया है जब 8 जुलाई को जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक है. जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर रणनीति तय की जाएगी. इधर बीजेपी ने हाल ही में संकेत दिया था कि वह राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से नीतीश कुमार की पार्टी को 9 से ज्यादा सीट देने के इच्छुक नहीं है. सूत्रों के अनुसार, बीजेपी जिन सीटों को देने के लिए तैयार है, वे यादव और मुसलमानों की मजबूत उपस्थिति वाले क्षेत्र हैं.
एक वरिष्ठ जेडीयू नेता ने कहा कि बीजेपी ने 2014 के लोकसभा में भारी जीत हासिल की थी, लेकिन इन सीटों पर बड़ी संख्या में विपक्षी दलों ने जीत हासिल की थी, इसलिए 2019 में यहां से जीतने की जेडीयू की संभावना कम हो जाएगी. इससे पहले जेडीयू ने संकेत दिया था कि 2014 लोकसभा चुनाव परिणाम नहीं बल्कि 2015 के विधानसभा चुनावों के परिणाम के आधार पर एनडीए सहयोगियों के बीच सीटों का विभाजन तय हो.