अदालते के हाथ बंधे हैं, जब तक 22 वर्षीय अब्दुलअजीज अल-मुतायरी अपनी मांग नहीं छोड़ता है, आरोपी ऐसी सजा से बच नहीं सकता. एमनेस्टी इंटरनेशनल की ओर से सूचना दी गई है कि ताबुक की प्रांतीय अदालत की ओर से विभिन्न अस्पतालों में पूछताछ की जा रही है कि आरोपी को ऐसी सजा देने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं.

दो युवकों के बीच मारपीट के दौरान पीड़ित युवक को पीठ में छूरा लगा था, और उसे लकवा मार गया था. यह स्पष्ट नहीं है कि मारपीट की शुरुआत किसने की थी. छुरा चलाने के लिए आरोपी को सात महीने कैद की सजा मिली थी. लेकिन सऊदी अरब में शरिया कानून के अनुसार पीड़ित व्यक्ति मांग कर रहा है कि आरोपी को भी लकवे का शिकार बना दिया जाए.

इस बीच अस्पतालों में की गई पूछताछ से पता चला है कि (स्पाइनल कोर्ड) सुषम्ना काटने से आरोपी की मौत भी हो सकती है, जो शरियत के मुताबिक नहीं होगा. ऐसी हालत में अदालत ने पीड़ित व्यक्ति मुतायरी से कहा है कि वह आर्थिक मुआवजे के लिए राजी हो जाए. ताबुक प्रांत के गवर्नर शाहजादा फहद बिन सुलतान ने दोनों पक्षों को आदेश दिया है कि वे इस सिलसिले में आपस में समझौता कर लें.

सऊदी अरब में लागू शरिया कानून के मुताबिक बराबर नुकसान की मांग या कसास जायज है. लेकिन साथ ही अक्सर पीड़ित को इस बात के लिए कायल किया जाता है कि वह इंसानियत के नाम पर आरोपी को माफ़ कर दे और आर्थिक मुआवजे पर राजी हो जाए.

आरोपी अपनी सजा काट चुका है, लेकिन मुआवजे का सवाल तय न हो पाने की वजह से वह अभी तक जेल में है. अभी तक सऊदी अरब के कानून मंत्रालय की ओर से इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *