पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या से भड़के ट्रम्प प्रशासन ने सऊदी अरब के खिलाफ पहली दंडात्मक कार्यवाही करते हुए सऊदी अरब के अधिकारीयों के वीजा निरस्त कर दिए हैं. इससे पहले सऊदी अरब ने स्वीकार करते हुए कहा था कि तुर्की के इस्तांबुल जिले में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की मृत्यु हुई है.

आज अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, जमाल खशोगी हत्या मामले को लेकर संवाददाताओं के सवालों के जवाब दे रहे थे, इस दौरान उन्होंने कहा कि अमेरिका 59 वर्षीय पत्रकार की हत्या करने वालों को छोड़ने वाला नहीं है, वह अन्य देशों के साथ मिलकर हत्यारों की सच्चाई दुनिया के सामने उजागर करेगा. पोम्पिओ ने कहा कि इस सम्बन्ध में अमेरिका के पास कुछ सबूत हैं, वो इसके तहत कार्यवाही करेगा.

पोम्पिओ ने कहा कि खशोगी की हत्या के मामले में कुछ लोगों की पहचान की गई है, इसमें सऊदी अरब की खुफिया सर्विस, रॉयल कोर्ट और सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय के लोग शामिल हैं. आपको बता दें कि अमेरिकी मूल के पत्रकार खशोगी दो अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में गए थे, जिसके बाद से वे लापता हो गए थे. इस बात पर काफी बवाल मचा था, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सऊदी को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी. अब जब ये साफ़ हो गया है कि सऊदी के दूतावास के भीतर खशोगी का क़त्ल किया गया तो अमेरिका और सऊदी के बीच तनाव गहराने की सम्भावना बढ़ गई है.

क़तर ने जो किया ख़ुलासा उससे पूरी दुनिया भौचक्की रह गयी हैं 

 
क़तर के अख़बार अश्शर्क़ ने सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशुक़ज के हत्या मामले को बंद करने के बदले में तुर्क राष्ट्रपति को सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान की ओर से रिश्वत की पेशकश का पर्दा फ़ाश किया है।

इस अख़बार के संपादक सादिक़ मोहम्मद अलअम्मारी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर तुर्क राष्ट्रपति के एक निकटवर्ती सूत्र के हवाले से लिखाः ‘मक्का के अमीर ख़ालिद अलफ़ैसल ने अर्दोग़ान को पेशकश की है कि ख़ाशुक़जी मामले के बंद होने के बदले में अंकारा की पैसों से मदद होगी और क़तर पर लगी पाबंदी हट जाएगी, लेकिन अर्दोग़ान ने इस पेशकश को राजनैतिक रिश्वत का नाम दिया है।’
 
 
 
इससे पहले लेबनान में तुर्की के राजदूत हाकान काकील ने ख़ाशुक़जी मामले को बंद करने के बदले में सऊदी अरब की ओर से तुर्की को 5 अरब डॉलर की रिश्वत की पेशकश होने की सूचना दी थी।
 
 

 
 
तुर्क राष्ट्रपति ने मंगलवार को इस देश की संसद में सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की इस्तांबोल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में हुयी हत्या की तफ़सील बताते हुए बल दिया कि ख़ाशुक़जी की हत्या पूर्व नियोजित साज़िश के तहत हुयी है।
 

 
जमाल ख़ाशुक़जी की 2 अक्तूबर को हत्या हुयी थी जिसके लगभग 2 हफ़्ते बाद सऊदी अधिकारियों ने कहा कि उनकी दूतावास में हाथापाई के दौरान मौत हो गयी जबकि इससे पहले तक वे इस बात का इंकार कर रहे थे कि उनकी हत्या हुयी है।
साभार- ‘parstoday.com’

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *