अगर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आप भी आरटीओ ऑफिस या अथॉरिटी के चक्कर लगाकर परेशान हैं तो यह खबर आपको राहत देगी. जी हां, दिल्ली सरकार ने लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए एक ब्लू प्रिंट तैयार किया है. अगर सब कुछ प्लानिंग के हिसाब से हुआ तो आपकेा चंद घंटो में ही लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनकर मिल जाएगा. सरकार की तरफ से यह कदम लर्निंग लाइसेंस बनवाने वालों की बढ़ती भीड़ को देखकर उठाया जा रहा है.
टच स्क्रीन पर देना होगा टेस्ट
नई योजना के अनुसार अगले साल से ट्रांसपोर्ट ऑफिस में काम कराना आसान हो जाएगा और लोगों को मोटर लाइसेंसिंग ऑफिस (MLO) में लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी. एमएलओ ऑफिस में अगले साल से टोकन सिस्टम लागू किया जाएगा. लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको हेल्प डेस्क से टोकन लेना होगा. इसके बाद बताएं गए काउंटर पर पहुंचना होगा. लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टच स्क्रीन पर टेस्ट होगा.
कुल चार भाषाओं में होगा टेस्ट
अभी इस टेस्ट को हिंदी और इंग्लिश में लिया जाता है लेकिन अब पंजाबी और उर्दू में भी इसे लिए जाने का खाका तैयार किया गया है. लर्निंग ड्राइविंग टेस्ट पास करने वालों को लाइसेंस हाथों हाथ दे दिया जाएगा. आपको बता दें फिलहाल एमएलओ ऑफिस में लाइसेंस और आरसी से जुड़े काम दिल्ली इंटीग्रेटिड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डिम्ट्स) देखती है. आने वाले समय में ये सभी काम नई एजेंसी को देने की तैयार की जा रही है. टेंडर फाइनल होने के बाद अप्रैल से नया सिस्टम लागू हो सकता है.
ऐसा होगा सिस्टम
सूत्रों के अनुसार अभी जो ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है, उसके अनुसार टच स्क्रीन कियोस्क के माध्यम से लर्निंग लाइसेंस के लिए टेस्ट होगा. टोकन लेने के बाद एमएलओ ऑफिस में लगी बड़ी-बड़ी टीवी स्क्रीन पर आपको वेटिंग टाइम दिखाई देगा. तय समय पर आप संबंधित काउंटर पर पहुंचेंगे तो जैसे आप एटीएम यूज करते हैं, उसी तरह टच स्क्रीन वाली मशीन पर ड्राइविंग टेस्ट देना होगा. ड्राइविंग टेस्ट क्लीयर करने के बाद आपको हाथों हाथ ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाएगा.
कंप्यूटर पर 10 मिनट का टेस्ट
अभी दिल्ली में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए कंप्यूटर पर 10 मिनट का टेस्ट होता है. कई बार डीएल के लिए आवेदन करने वाले कंप्यूटर चलाना नहीं जानते तो वे टेस्ट पास नहीं कर पाते. इसी को देखते हुए एटीएम जैसे टचस्क्रीन कियोस्क पर टेस्ट लेने की योजना तैयार की जा रही है. मौजूदा समय में दिल्ली में हर साल करीब 5 लाख लर्निंग लाइसेंस तैयार किए जाते हैं.