मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जंगल कौड़िया ब्लाक मुख्यालय पर पूर्व ब्लाक प्रमुख और गोरक्ष पीठ के करीबी रहे रामपति यादव की मूर्ति का अनावरण किया। यहां जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ब्लाक मुख्यालय पर ब्रहमलीन महंत अवेद्यनाथ के नाम से डिग्री कॉलेज, स्वर्गीय रामपति यादव के नाम से काजीपुर गांव के निकट आईटीआई और जंगल कौड़िया में खिलाड़ियों के लिए स्टेडियम बनवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कैंपियरगंज को आदर्श विधानसभा क्षेत्र बनाने का भी एलान किया।
उन्होंने कहा कि यूपी में किसी के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यहां 150 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया है। सभी काम समय से पूरे होंगे। काम गुणवत्तापूर्ण होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। पुलिस कर्मचारियों की भर्ती मेरिट से की जा रही है। किसी तरह का भेदभाव नहीं है। योग्य युवक ही नियुक्ति पा सकेंगे। युवा हमारी विरासत हैं। जब युवा खुश होंगे तो यूपी विकास के रास्ते पर तेजी से दौड़ेगा।
उन्होंने युवाओं से स्वरोजगार अपनाने की अपील की और कहा कि गांवों में स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाना चाहिए ताकि महिलाएं भी स्वावलंबी बन सकें। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में किसानों की सरकार है। दस महीने के अंदर 80 हजार करोड़ रुपये किसानों के बैंक खातों में भेजे जा चुके हैं। किसानों के हक में नीतियां बनाई जा रही हैं।
जनसभा में ग्राम्य विकास राज्यमंत्री महेंद्र सिंह ने अलग-अलग विकास परियोजनाओं की जानकारी दी। विधायक और पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को 35 करोड़ की विकास परियोजनाओं के लिए पत्र दिया था। इस पर उन्होंने तत्काल निर्णय लिया और शिलान्यास भी करने आ गए। इस मौके पर ब्लाक प्रमुख बृजेश यादव, बलबीर यादव, उमेश यादव, सुरेंद्र सिंह, राजेश दुबे, संजय निगम, शैलेश यादव, राम अचल निषाद, राजेश पांडेय, ओम प्रकाश भगत, राकेश चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।
सीएम ने तप्पे को बुलाकर पास बैठाया
जनसभा पुलिस चौकी के सामने चल रही थी। ग्राम्य विकास राज्यमंत्री महेंद्र सिंह बोल रहे थे, तभी मुख्यमंत्री ने अपने परिचित बरियारपुर के तप्पे यादव (65) को बुलाने के लिए सुरक्षा कर्मचारियों को इशारा किया। कुछ ही पल में तप्पे मंच पर जा पहुंचे। मुख्यमंत्री ने उन्हें अपने पास बैठाया। उनका हाल जाना। तप्पे ने मुख्यमंत्री को एक शिकायती पत्र भी दिया, जिसे वह अपने साथ लेकर चले गए। बाद में जंगल कौड़िया के पूर्व प्रधान राम चंदर सिंह को भी मंच पर बुलाया गया।