राज्य में 40 से कम छात्र वाले 1140 प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर दिया जाएगा। इसमें पढ़ रहे बच्चों और शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट किया जायेगा। भागलपुर जिले में भी ऐसे विद्यालयों की संख्या 18 है। इन स्कूलों को भी पास के दूसरे विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया जायेगा।
राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर जवाब मांगा है कि जिले में चल रहे 18 ऐसे सरकारी प्राथमिक विद्यालय को क्यों न बंद कर दिया जाये। डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान बिरेंद्र कुमार ने बताया कि 18 स्कूलों की सूची भेजी गयी है। उसमें स्कूलवार जांच कराकर विभाग को रिपोर्ट भेज दी जायेगी। विभागीय निर्देश आने के बाद ही आगे कार्रवाई की जायेगी। जानकारी हो कि इन विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या दो से तीन के करीब है।
शिक्षकों पर फोड़ा ठीकरा
विभागीय अधिकारी कम छात्रों का ठीकरा शिक्षकों के माथे फोड़ रहे हैं। उनका दावा है कि शिक्षकों की लापरवाही की वजह से स्कूलों में बच्चे नहीं पहुंच रहे हैं। इन शिक्षकों का अपने-अपने विद्यालय क्षेत्रों में जाकर अभिभावकों को जागरूक करने का जिम्मा है ताकि हर घर से बच्चे स्कूल पहुंचे।
सन्हौला प्रखंड में चार विद्यालय ऐसे
जिले के 40 से कम बच्चों वाले स्कूल में सन्हौला प्रखंड में चार विद्यालय है। सुल्तानगंज प्रखंड में दो, सबौर प्रखंड में एक, गोराडीह में एक, रंगरा चौक में एक, नाथनगर में तीन, पीरपैंती में एक, शाहकुंड में दो, जगदीशपुर में दो, नगर निगम में एक प्राथमिक विद्यालय जवारीपुर शामिल है।
13 स्कूलों में एक भी बच्चा नहीं
सूबे में कुल 13 ऐसे विद्यालय हैं जिसमें बच्चों का नामांकन शून्य है। इसके अलावा 171 स्कूलों में 1-20 तक ही बच्चों की संख्या है। 336 स्कूलों में 21-30 बच्चों की संख्या है। 620 स्कूलों में 31-39 तक बच्चों की संख्या है।
क्या है नियम
यू-डायस 2017-18 की रिपोर्ट के आधार पर यह पता चला कि भागलपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों के प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या 40 से कम है। जबकि बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 के मुताबिक उन्हीं जगहों पर प्राथमिक विद्यालय खोले जायेंगे जहां 6-14 आयुवर्ग के बच्चों की संख्या कम से कम 40 हो।
विद्यालय परीक्षा समिति, विभाग व शिक्षक तीनों जवाबदेह
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव श्याम नंदन सिंह ने कहा कि स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होने के लिए विद्यालय परीक्षा समिति, विभाग और शिक्षक तीनों जवाबदेह है। छात्र के अनुपात पर शिक्षकों की बहाली होती है। प्राथमिक विद्यालय में छह शिक्षक पर 150 के करीब छात्र होने चाहिए। इसके लिए तीनों को अपने-अपने स्तर से इलाके में जाकर अभिभावकों को जागरूक करना चाहिए।
भागलपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी मधुसूदन पासवान ने इस संबंध में बताया कि कई जगह टोले में खुले स्कूल में बच्चों का नामांकन बहुत कम होता है। फिलहाल राज्य परियोजना निदेशक के द्वारा जो स्कूलों की सूची भेजी गयी है। उसकी जांच कराकर विभाग को रिपोर्ट भेजी जायेगी।