भागलपुर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नौकरी करने के लिए राज्य के बाहर बिहारियों को जाते ही ठहरने सहित अन्य समस्याओं से जूझना पड़ता है. इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए बड़े शहरों में प्रवास केंद्र बनायेंगे. इसका विस्तार विदेशों में भी होगा.
प्रवास केंद्र में तैनात अधिकारियों की ड्यूटी होगी कि वह नौकरी करने आये बिहारियों की काउंसेलिंग कर मदद करें. प्रवास केंद्र से मदद मिलने पर बिहारियों को भटकना नहीं पड़ेगा. सीएम शनिवार को सैंडिस में आयोजित नियोजन सह अप्रेंटिस मेले के उद्घाटन के मौके पर लोगाें को संबोधित कर रहे थे.
सीएम ने बताया कि नौकरी लगने के बाद स्थानीय दिक्कत होने पर राज्य के युवा वापस लौट जाते हैं. इन युवाओं को लौटने का आकलन श्रम संसाधन विभाग ने किया. इस कारण विभाग ने प्रवास केंद्र खोलने का प्रस्ताव दिया था. फिलहाल दिल्ली स्थित बिहार भवन व मुंबई में बिहार फाउंडेशन में प्रवास केंद्र खोलने की जगह देंगे.
बड़े शहरों में विभागीय स्तर पर लगातार विस्तार होगा. मौके पर श्रम संसाधन विभाग मंत्री विनय कुमार सिन्हा, प्रभारी मंत्री सह जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, सांसद कहकशां परवीन, विधायक सुबोध राय, अजय मंडल, गोपाल मंडल, एमएलसी मनोज यादव, मेयर सीमा साहा सहित अन्य उपस्थित थे.
केंद्रीय विवि की स्थापना में आयेगी तेजी
सीएम ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर कहलगांव के विक्रमशिला में तेजी आयेगी. विक्रमशिला पुराने जमाने से शिक्षा का केंद्र रहा है, जहां दूसरे मुल्क के लोग पढ़ाई करने आते थे. ऐतिहासिक जगह पर विश्वविद्यालय बनने से यह और प्रसिद्ध होगा.
एक करोड़ युवाओं को हुनरमंद बनाने का लक्ष्य
सीएम ने कहा कि बिहार विकास मिशन युवाओं में रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट कर रहा है. इनका लक्ष्य एक करोड़ युवाओं को हुनरमंद बनाना है.
सभी विभाग को जिम्मेदारी दी गयी है कि वह अपने स्तर से युवाओं में कौशल विकास में मदद करे. जैसे शिक्षा विभाग शिक्षा के क्षेत्र में क्या विकास कर सकता है, इस तरह स्वास्थ्य, उद्योग, जल संसाधन आदि हैं, जो अपने माध्यम से कौशल विकास का काम शुरू करेंगे. इस मिशन की मॉनीटरिंग हो रही है. सीएम ने बताया कि पढ़ाई कर लेने से सभी को नौकरी मिल जायेगी, यह संभव नहीं है. रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट करके हुनरमंद बनाना होगा.
देश में सबसे अधिक बिहारी युवाओं की संख्या
सीएम ने कहा कि देश में सबसे अधिक बिहार के युवाओं की संख्या है. जापान विकसित है, लेकिन वहां युवा उपलब्ध नहीं है. इस कारण जहां युवा अधिक होंगे, वहां रोजगार करने का मौका मिलेगा. खुद को हुनरमंद बनाएं, ताकि रोजगार मिल सके.
इंजीनियरिंग, मेडिकल की पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा
सीएम ने कहा कि रेल मंत्री से हर समय दूसरे राज्यों में ट्रेन ठहराव की मांग होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई, नर्सिंग कोर्स खोला जा रहा है, इससे युवाओं को संबंधित पढ़ाई करने के लिए बाहर नहीं जाना होगा.
पिछले दिनों विकास मिशन की बैठक में दो जगह इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए विवादित जमीन का रास्ता साफ हो गया. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में राज्य के छात्रों के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज खोले गये. अब वहां पता करें, संख्या घटती जा रही है. एक राज्य(नाम नहीं लूंगा), जहां संस्थान बंद हो रहे हैं. कृषि को लेकर कृषि कॉलेज की स्थापना सबौर व हाल में किशनगंज में हुई. सबसे अधिक रोजगार नर्सिंग क्षेत्र में है. केरल की महिला इस ओर सबसे आगे है. बिहार की महिला अनुमंडल से लेकर जिला स्तर पर नर्सिंग कोर्स करके रोजगार पा सकती हैं.
वित्त निगम से 25 हजार स्टूडेंट को मिला शिक्षा ऋण
सीएम ने कहा कि वित्त निगम के गठन के डेढ़ माह बाद 25 हजार छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से शिक्षा ऋण मिला है. पहले बैंकों से ऋण का प्रावधान था, जिसमें कई तरह की कठिनाई आती थी. अब कोई छात्र पैसे की कमी से आगे की पढ़ाई नहीं रोकेंगे.