जेल में बंद राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू यादव की पार्टी को जहां हाल के लोकसभा चुनाव में करारा झटका लगा है, तो वहीं दूसरी तरफ उनकी मुसीबतें आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। चारा घोटाले का एक और भूत उनका पीछा कर रहा है। 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले की जांच सीबीआई ने की है। जिसमें अलग-अलग सरकारी कोषागारों से मवेशियों के चारा और अन्य खर्चों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर पैसे निकाले गए थे।
पहले से ही चार अलग-अलग चारा घोटाला केस में साजा पा चुके लालू यादव पांचवें और अंतिम चारा घोटाला केस में ट्रायल का सामना कर रहे हैं। यह घोटाला 139 करोड़ रुपये का है जो रांची के डोरंडा कोषागार से हुआ था। ऐसा कहा जा रहा है कि यह केस साल 1996 में दर्ज हुआ, जिनमें 180 लोगों को आरोपी बनाकर उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। हालांकि, सिर्फ 116 अभियुक्त ही वर्तमान में ट्रायल का सामना कर रहे हैं जबकि बाकि 62 की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई।
इससे पहले, स्पेशल सीबीआई जज प्रदीप कुमार ने अभियोजन पक्ष के 585 गवाहों की पूछताछ के बाद अगले ट्रायल के स्टेज के लिए 27 मई का दिन तय किया था। जिसमें कोर्ट में आरोपियों को कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर की धारा 313 के तहत आरोपियों को बयान रिकॉर्ड किए जाएंगे। लालू यादव के वकील प्रभात कुमार ने कहा- “कोर्ट ने यह कहा था कि वे एक दिन में चार आरोपियों के बयान रिकॉर्ड करेंगे। सोमवार को बयान रिकॉर्ड नहीं किया जा सका क्योंकि कुछ प्रशासनिक कार्यों जज कोर्ट की कार्यवाही नहीं कर पाए। लालू यादव के बयान रिकॉर्ड होने की तारीख अभी तय होना बाकी है।”