अगर आपको अचानक से पता चले कि अब ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर 10 गुना ज्यादा चालान कटेगा, तो क्या आपके दिमाग में कभी ट्रैफिक नियमों को तोड़ने का ख्याल भी आएगा? जवाब होगा नहीं। तो आपका यह डर बहुत जल्द ही हकीकत बनने वाला है। दरअसल रिपोर्ट्स के मुताबिक सड़क परिवहन और हाइवे मंत्रालय की तरफ से Motor Vehicles के अमेंडेंट बिल को जल्द राज्यसभा में पेश किया जा सकता है। इस बिल के जरिए सरकार सड़क हादसों पर लगाम लगाने की तैयारी में है। ऐसे में अगर यह बिल पास होता है, तो चालान को लेकर पुराने नियमों में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। दरअसल के अमेंड बिल को सरकार जल्द राज्यसभा में पेश कर सकती है। यह बिल पहले ही लोकसभा में पास हो चुका है। हालांकि, इसे राज्यसभा में पास कराने को लेकर सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें सबसे बड़ी चुनौती बिल को बहुमत से पास कराने की है।
ET Auto की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा में पास हुआ बिल ही राज्यसभा में लाया जाएगा, जहां लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए आधार (Aadhaar) को अनिवार्य किया जा सकता है। इसके अलावा रिपोर्स्स के मुताबिक इस बिल में पर्यावरण के साथ यातायात वाहनों की ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग को लेकर भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ET Auto की रिपोर्ट के मुताबिक अगर यह बिल पास होता है, तो फाइन की सीमा 1 लाख रुपये तक जा सकती है, जिसे राज्य सरकारों की तरफ से 10 गुना तक बढ़ाया जा सकता है।
ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर ज्यादा फाइन देना होगा।
अगर हादसा या नियमों को अगर कोई नाबालिग तोड़ता है तो उस कार के मालिक पर क्रिमिनल केस किया जा सकता है। कार के खराब पार्ट को ठीक करने के लिए कंपनियों को कार वापस लेना होगा और फिर वापस लौटाना होगा। खराब क्वालिटी के लिए कार कंपनियां जिम्मेदार होंगी। सरकार की तरफ से ‘हिट एंड रन’ मामले में पीड़ित परिवार को 25,000 रुपये की जगह 2 लाख रुपये मुआवजा देने का प्लान अगर नाबालिग अपने वाहन से किसी भी ट्रैफिक नियम को तोड़ता पाया गया या किसी दुर्घटना का कारण बनते हुए पाया गया, तो उस कार के मालिक के खिलाफ क्रिमिनल केस चलने का प्रावधान है। हालांकि, कार मालिक को उस समय माफ किया जा सकता है, अगर वो साबित कर सके कि उसकी जानकारी के बगैर उसके वाहन का इस्तेमाल किया गया है।
वहीं, नाबालिग पर Juvenile Justice Act के दौरान कार्रवाई होगी। इसके साथ ही वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 2,000 रुपये की जगह 10,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। रैश ड्राइविंग पर 1,000 से 5,000 रुपये चालान का प्रावधान है। बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने पर 500 रुपये की जगह 5,000 रुपये का चालान कटेगा। स्पीड लिमिट पार करने पर 400 रुपये की जगह 1,000 से 2,000 रुपये का चालान कटेगा। बिना सीट बेल्ट गाड़ी चलाने पर 100 रुपये की जगह 1000 रुपये का चालान कटेगा। लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए आधार (Aadhaar) को अनिवार्य किया जाएगा।
जरूरी स्टैंडर्ड को पूरा न कर पाने पर कार कंपनियों को 500 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भरना होगा।