- दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाली भारतीय सेना अब से और भी मजबूत हो जाएगी
- आज देश के लड़ाकू विमानों की श्रेणी में अमेरिकी लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे भी शामिल हो जायेगा
- 27 जुलाई को गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंच रही है लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे की पहली खेप
- पहली खेप में 3-4 से अपाचे होंगे शामिल
- इन अपाचे हेलीकॉप्टरों को यहीं किया जाएगा तैयार
- अगस्त के इंडियन एयरफोर्स में औपचारिक तौर पर शामिल करने के लिए भेजा जाएगा पठानकोट
- 2020 तक मिल जायेंगे भारत को सभी अपाचे
- AH 64 E हेलीकॉप्टर 30 मिमी की मशीनगन से लैस है अपाचे
- इससे एक ही बार में की जा सकती है 1200 राउंड फायरिंग
- इसमें अतिरिक्त हथियार के तौर पर अनगाइड रॉकेट लगा है जिसका वार अचूक रहता है
- इस लड़ाकू विमान में 150 नॉटिकल मील की रफ्तार से उड़ान भरने की भी है क्षमता
भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों में शामिल होने वाले अमेरिकी लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे की पहली खेप आज यानी 27 जुलाई को गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंच रही है. इस पहली खेप में 3-4 से अपाचे शामिल होंगे. दरअसल भारत ने अमेरिकी से 22 अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदें हैं जिनकी पहली खेप आज रात गाजियाबाद हिंडन एयरबेस पहुंच जाएगी. जानकारी के मुताबिक इन अपाचे हेलीकॉप्टरों को यहीं तैयार किया जाएगा और फिर अगस्त के आखिरी हफ्ते में इंडियन एयरफोर्स में औपचारिक तौर पर शामिल करने के लिए पठानकोट भेजा जाएगा. अपाचे की पहली स्क्वड्रन पठानकोट तो दूसरी स्क्वाड्रन असम के जोरहाट में तैनात होगी. खबरों की मानें तो 2020 तक भारत को सभी अपाचे मिल जाएंगे.
अपाचे की खासियत
बताया जा रहा है कि भारतीय सेना को अपाचे हेलीकॉप्टर मिलने से बड़ी मजबूती मिलेगी. ऐसे में जानते हैं क्या है इस लड़ाकू विमान की खासियत
अपाचे AH 64 E हेलीकॉप्टर 30 मिमी की मशीनगन से लैस है. इससे एक ही बार में1200 राउंड फायरिंग की जा सकती है.
इसमें अतिरिक्त हथियार के तौर पर अनगाइड रॉकेट लगा है जिसका वार अचूक रहता है.
इस लड़ाकू विमान में 150 नॉटिकल मील की रफ्तार से उड़ान भरने की क्षमता है.
बता दें, 2015 में रक्षा मंत्रालय ने 2.2 अरब डॉलर के सौदे को मंजूरी दी थी, जिसके तहत 22 अपाचे हेलीकॉप्टर को अमेरिका से खरीदा जाना था. भारत के वायु सेना के बेड़े में अपाचे की तैनाती से पाकिस्तान और चीन के मोर्चे पर भारत को सैन्य बढ़त मिलेगी