बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार ने गुरुवार को भागलपुर में वन स्टॉप सेंटर यानी ‘निर्भया सेंटर’ को खोलने की मंजूरी दे दी। हालांकि इस सेंटर को बनाने के लिए भागलपुर के जिम्मेदार अधिकारियों ने बीते पांच साल में जमीन तक चिह्नित नहीं किया। गौरतलब हो कि वर्ष 2012 में घटित निर्भया कां’ड के बाद महिलाओं के लिए सुरक्षा और बचाव को लेकर साल 2013 में निर्भया फंड निधि की स्थापना की गयी थी। इस केंद्र के जरिये पीड़िता को चिकित्सकीय, पुलिस सहायता से लेकर मनो-सामाजिक परामर्श के लिए विधि परामर्शी उपलब्ध कराया जाना है। साथ ही अस्थाई आश्रय और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध कराया जाना है।
 
निर्भया सेंटर के निर्माण हेतु 300 वर्ग मीटर सरकारी भूमि की जरूरत होगी जो कि जिला मुख्यालय के आसपास व सदर अस्पताल से पांच किमी से ज्यादा की दूरी पर नहीं होना चाहिए। इसको लेकर भागलपुर समाहरणालय ने 20 अगस्त 2014 के आदेश में अनुमंडल पदाधिकारी सदर, भूमि सुधार उप समाहर्ता एवं अंचलाधिकारी जगदीशपुर को जमीन चिह्नित करने को कहा था। लेकिन जमीन चिह्नित की कार्यवाही नहीं की गयी।

फिर भागलपुर के तत्कालीन कमिश्नर ने 26 अप्रैल 2018 को समाहर्ता भागलपुर को निर्भया सेंटर बनाने के लिए जमीन चिह्नित कर भूमि सुधार विभाग के साथ-साथ उन्हें सूचना देने का आदेश दिया था। भारत सरकार बाल विकास मंत्रालय ने आरटीआई कार्यकर्ता अजीत कुमार सिंह को पत्र भेजकर स्वीकृति के संबंध में जानकारी दी है।

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