देश में मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार लगातार नए प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने तीन तलाक के रूप में नए बिल को पास करवाया है। जिसको लेकर अब नया कानून भी बना है। लेकिन इस कानून के बनने के दो दिन ही एक पति ने सऊदी अरब से ही फोन कर पत्नी तलाक दे दिया।
जिसके बाद महिला अपनी गृहस्थी बचाने के तीन तलाक का सहारा लिया। लेकिन उसे वहां से भी इंसाफ नहीं मिला। पंचायत ने भी इस रिश्ते की कीमत डेढ़ लाख रुपये लगाकर महिला के उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पीड़िता ने अंत पुलिस के दरवाजा भी खटखटाया लेकिन उसे वहां भी इंसाफ नहीं मिला।
कुशीनगर जिले के खड्डा थाना क्षेत्र के गांव जखिनिया निवासी अहमद की पुत्री फातिमा (25) का निकाह छह साल पहले नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र के गांव शोभाछपरा के पूर्व प्रधान अब्दुल रहीम के पुत्र तराबुद्दीन से हुआ था।
वह सऊदी अरब में नौकरी करता है। शुक्रवार दोपहर दो बजे फातिमा घरेलू काम में व्यस्त थी। इसी बीच उसके ससुर ने उसे मोबाइल थमाकर बात करने को कहा। फोन पति तराबुद्दीन का था। फातिमा ने जैसे ही हेलो कहा, उधर से पति ने तलाक, तलाक, तलाक कहकर फोन काट दिया। अपने साथ हुए इस व्यवहार से फातिमा अवाक रह गई।
उसने तुरंत मायके वालों को घटना की जानकारी दी। पिता भी बेटी के घर पहुंचे। इस बीच ससुर ने पंचायत वालों को भी इकट्ठा कर लिया।
पंचायत में इस रिश्ते की कीमत डेढ़ लाख रुपये लगाई गई। ससुर ने डेढ़ लाख रुपये का चेक दे फोटो खिचवाई और स्टांप पेपर पर बहू का अंगूठा लगवा लिया। इसके साथ ही रिश्ता खत्म होने की बात भी कह दी।
पीड़िता फातिमा ने बताया कि वर्ष 2014 में शादी के चार माह बाद पति सऊदी अरब चले गए। बीच-बीच में आते तो उससे अच्छा व्यवहार नहीं करते। ससुराल के लोग हमेशा उत्पीड़न करते।
घरवालों को बताने पर आंख में तेजाब डालने की धमकी देते थे।
खड्डा थाने में पहुंचकर फातिमा ने तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। उसकी मांग है कि उसका जीवन बर्बाद करने वालों को कानून कड़ी सजा दे।
एसपी राजीव नारायण मिश्र ने इस संबंध में कहा कि मामला संज्ञान में आया है। इसकी पूरी जानकारी कर विधिक कार्रवाई की जाएगी और आरोपित के विरुद्ध सख्त कदम उठाया जाएगा।