कश्मीर को लेकर सोमवार को लिए फैसले के बाद अब एक बार फिर से गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया है. गृह मंत्री मंगलवार को सदन में विपक्षियों के सवालों का जवाब दे रहें थे. इस दौरान ही उन्होंने जम्मू कश्मीर को जल्द से जल्द पूर्ण राज्य का दी जाने की बात भी कही.
उन्होंने लोकसभा में यह कहा की देश का बच्चा बच्चा यह बोलता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं.
उन्होंने आगे कहा कि क्यों कहना पड़ा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है?
क्या कभी हम यह पूछते हैं कि उत्तर प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है?
उन्होंने कहा कि धारा 370 आज सदन के आशीर्वाद से खत्म हो जाएगी और यह दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जैसे ही स्‍थ‍िति सामान्‍य हो जाएगी जम्‍मू-कश्‍मीर को पूर्ण राज्‍य का दर्जा दे दिया जाएगा. अमित शाह ने कहा कि धारा 370 कश्मीर और भारत को एक दूसरे से नहीं जोड़ती.
अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए बनाया गया कानून कैसे सांप्रदायिक है? वहां सिख और जैन रहते हैं. वहां अल्पसंख्यक आयोग तक नहीं बनाया गया. यह सिर्फ अनुच्छेद 370 की वजह से हुआ.
उन्होंने कहा कि 1989 से 1995 तक जम्मू कश्मीर में आतंकवाद इतना बढ़ा की वहां सालों तक कर्फ्यू लगाया गया. वहां खाना-पीना तो छोड़िए ब्रेड-बटर तक नहीं मिलता था. हमने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबल इसलिए रखे हैं कि अगर वहां की कानून व्यवस्था को बिगाड़ना भी चाहे तो उसको मौका नहीं मिलेगा.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 1989 से लेकर आज तक हजारों लोग मारे गए. क्या उसी रास्ते पर चलना है. शांति आए यह प्रयास नहीं करेंगे? जो लोग मारे गए कौन जिम्मेदार है? देशहित के लिए सोचना होगा. लद्दाख की हालत को सदन के सामने रखा गया. हमारे एक युवा साथी ने रखा. ओवैसी जी ने कहा कि सदन ऐतिहासिक भूल करने जा रहा है. मैं कहता हूं कि ऐतिहासिक सुधार करने जा रहा है.
शाह यह भी कहा कि लद्दाख के लोग केंद्र शासित प्रदेश की मांग कर रहे थे. जम्मू-कश्मीर को लेकर स्थिति सामान्य होने पर पुनर्विचार किया जाएगा. जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है. इसी से संबंधित बिल पर लोकसभा में चर्चा हो रही है.

उन्होंने ने कहा कि पंडित नेहरू ने सेना को पूरी छूट दी होती तो पीओके भारत का हिस्सा होता. जब भारत-पाकिस्तान ने UN के प्रस्ताव को स्वीकार किया तब किसी भी देश की सेना को सीमाओं के उल्लंघन का अधिकार नहीं था. लेकिन 1965 में पाकिस्तान की ओर से सीमा का उल्लंघन करने पर यह प्रस्ताव खारिज हो गया था.
गृहमंत्री ने कहा कि हम आपके दबाव में नहीं आएंगे. वहां से सुरक्षाबलों को नहीं हटाया जाएगा. कितनी चर्चा करेंगे, किससे चर्चा करें. जो पाकिस्तान से प्रेरणा लेते हैं उससे चर्चा करें. हम हुर्रियत से चर्चा नहीं करेंगे. हम सभी को प्यार से रखेंगे. कुछ फैसले लेने पड़ते हैं.
शाह ने कहा कि 370 हटाना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि वह देश की संसद के महत्व को कम करता है. इस देश का कानून वहां तक नहीं पहुंचता है वहां के लोगों के मन में अलगाववाद को बढ़ाता है.
इससे पहले शाह ने यह भी कहा था कि उनके कश्मीर कहने का अर्थ POK से भी है. उन्होंने POK को भारत का अभिन्न अंग बताया है और उसके जान देने की भी बात कही.

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