जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले के बाद पाकिस्तान में ऐसी हलचल मची कि अब तक थमने के नाम नहीं ले रही है। पूरा भारत और अन्य कई देश जहां कश्मीर को लद्दाख और अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश फैसले का समर्थन कर रहें हैं तो वहीं पाकिस्तान ने इसे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन करार दे रहा है। पाकिस्तान के इस आरोप के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से भी प्रतिकिया मांगी गई।
लेकिन एंटोनियो गुटेरेस ने इस मामले पर किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया देने से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने केवल इतना दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख चिंता के साथ इस क्षेत्र के विकास का अनुसरण कर रहे हैं।
वहीं अनुच्छेद 370 पर महासचिव ने यह कहा कि एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि मुझे लगता है कि हमने अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त कर दी है। हमने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि हम इस क्षेत्र में चिंता के साथ घटनाक्रमों का अनुसरण कर रहे हैं। महासचिव स्टीफन दुजारिक के प्रवक्ता ने मंगलवार को दैनिक प्रेस वार्ता में कहा कि हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह करती है।
आगे जब उनसे सवाल किया गया कि क्या भारत ने कश्मीर मुद्दे पर UN के प्रस्ताव का उल्लंघन किया? तब इसपर वह चुप रहे। इसके बाद उनसे फिर जवाब देने के लिए जबाव डाला गया तो डुजारिक ने कहा नहीं, नहीं, मैं समझता हूं कि आप मुझसे क्या पूछना चाह रहे हैं। लेकिन, दुर्भाग्य से आपको इस बिंदु पर मेरे जवाब के रूप में चुप्पी से ही समझौता करना होगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या इस मुद्दे पर महासचिव को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का पत्र मिला है? तो दुजारिक ने कहा कि वह प्रेस रिपोर्टों से अवगत हैं जिसमें कहा गया है कि यह पत्र संयुक्त राष्ट्र प्रमुख को भेजा गया है। हम इस बात की पुष्टि नहीं कर पा रहे थे कि पत्र वास्तव में प्राप्त हुआ था। जाहिर है, एक बार पत्र मिलेगा, तो इसे देखा जाएगा और इसपर विचार विमर्श किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख गुटेरेस ने सोमवार को कहा कि वह इस क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति का सामना कर रहे हैं और उन्होंने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने का आग्रह किया है। उन्होंने यह भी कहा था कि हम तनाव में वृद्धि को लेकर बहुत चिंतित हैं।

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