कश्मीर से धारा 370 हटाने के मामले में महाराजा हरि सिंह के बेटे डॉ कर्ण सिंह का बयान भी सामने आया है। उन्होंने मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है और इसे स्वागतयोग्य करार दिया है।
इस मामले में कर्ण सिंह ने यह कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख के अस्तित्व का स्वागत है। साथ ही अनुच्छेद 35 ए में लिंग भेदभाव को संबोधित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मेरी एकमात्र चिंता जम्मू और कश्मीर के सभी वर्गों और क्षेत्रों की भलाई है।
मैं मानता हूं कि संसद में लिया यह जल्दबाजी भरा फैसला है। स्पष्ट रूप से इनके उलझावों से निपटने के लिए अभी कई स्तरों तक गुजरना होगा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इसके लिए राजनीतिक वार्ता जारी रखना महत्वपूर्ण है। यहां के दो मुख्य क्षेत्रीय लोगों को राष्ट्र विरोधी कहना अनुचित है। उनके कार्यकर्ताओं ने लंबे समय से यहां के लिए बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि जल्द से जल्द यहां का माहौल ठीक हो, साथ ही हिंसा का कोई स्थान न हो।
मालूम हो कि कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल मंगलवार को लोकसभा में पारित हो गया. बिल के पक्ष में 370 वोट जबकि विपक्ष में 70 वोट पड़े.
इधर राहुल गांधी के करीबी और कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को अपने ट्विटर हैंडल से आर्टिकल 370 और 35A हटाने को समर्थन दिया.
पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर लिखा कि मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर किए गए फैसले का समर्थन करता हूं. साथ ही भारत में इसके पूर्ण एकीकरण का भी समर्थन करता हूं.
हालांकि, उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि अगर संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया गया होता. तब इस मामले पर कोई भी सवाल नहीं उठाया जा सकता था. फिर भी, यह हमारे देश के हित में है और मैं इसका समर्थन करता हूं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर लिखा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश में उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूं. संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई प्रश्न भी खड़े नहीं होते. लेकिन ये फैसला राष्ट्र हित मे लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूं.