मोदी सरकार द्वारा आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर के अधिकतर इलाकों में धारा 144 लागू है। ईद-उल-अज़हा त्योहार से एक दिन पहले रविवार को दोपहर के बाद कर्फ्यू में थोड़ी ढील दी गई और मगर बाद में फिर से शहर में प्रतिबंधों को लागू किया गया। रविवार को सुबद प्रतिबंधों में थोड़ी ढील दिए जाने के बाद लोगों को बेकरी और किराने की दुकानों पर जुटते देखा गया। इतना ही नहीं, शहर के कुछ हिस्सों में निजी वाहनों की आवाजाही भी देखी गई। हालांकि, बाद में दोबारा प्रतिबंधों को लागू करने के बाद लोगों को घर जाने के लिए कहा गया और दुकानदारों को भी शटर डाउन करना पड़ा।
 
श्रीनगर में फिर से एक जगह भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगाने के बाद दुकानों के फिर से बंद होने और आवाजाही प्रतिबंधित होने के कारण शहर और घाटी के अन्य हिस्सों में ईद का उल्लास गायब दिखा। प्रशासन ने कहा है कि पूरे राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण थी। पुराने शहर के निवासी गौहर अहमद ने कहा, “पहले ईद बड़े धूम-धाम से मनाई जाती थी। इस बार बहुत कम लोग सड़कों पर हैं और वे उस तरह से खरीदारी नहीं कर रहे हैं, जैसा वह पहले किया करते थे। ” बता दें कि लाल चौक को कांटेदार तार से सील कर दिया गया है और सड़क पर वाहनों के आवाजाही की अनुमति नहीं दी गई है। रिपोर्ट की मानें तो रविवार को दोपहर के बाद पुलिस ने लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी। साथ ही पुलिस वालों ने दुकानदारों को भी दुकान बंद करने की अपील की।

कश्मीर में ईद-उल-अजहा से पहले रविवार को बैंक, एटीएम और कुछ बाजार खुले रहे और तमाम प्रतिबंधों में ढील दी गई ताकि लोगों को त्योहार की खरीदारी करने में आसानी हो। वहीं, प्रशासन ने कहा कि वह त्योहर के अवसर पर लोगों के लिए भोजन और अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध कराने और सोमवार को मस्जिदों में नमाज के लिए पूरी व्यवस्था करने में जुटा है। संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को संसद द्वारा निरस्त किए जाने के बाद बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती, प्रतिबंधों और संचार संपर्क सीमित किए जाने के कारण कश्मीर घाटी में त्योहार का चहल-पहल और उल्लास नजर नहीं आ रहा है। यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था।अधिकारियों ने बताया कि घाटी में कहीं से भी हिंसा की सूचना नहीं है।
 
उन्होंने बताया कि जम्मू क्षेत्र में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। वहां पांच जिलों से निषेधाज्ञा पूरी तरह हटा ली गयी है। अन्य पांच जिलों में ईद को देखते हुए प्रतिबंधों/निषेधाज्ञा में छूट दी गयी है। श्रीनगर के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि हालात शांतिपूर्ण हैं। पाबंदियों में ढील दी गयी है और सरकारी तथा निजी वाहन सड़कों पर दिख रहे हैं। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए प्रत्येक महत्वपूर्ण स्थान पर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गयी है। अधिकारियों ने बताया कि बकरीद को ध्यान में रखते हुए श्रीनगर शहर में छह मंडी/बाजार बनाए गए हैं और लोगों के लिए 2.5 लाख भेड़ें उपलब्ध करायी गयी हैं। लोगों के घरों तक सब्जियां, गैस सिलिंडर, मुर्गे-मुर्गियां और अंडे आदि पहुंचाने के लिए वाहनों का इंतजाम किया गया है। अनुच्छेद 370 पर पांच अगस्त को हुए फैसले के बाद से घाटी में संचार संपर्क सीमित होने की पृष्ठभूमि में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल प्रशासन ने 300 विशेष टेलीफोन बूथ लगाने को कहा है ताकि लोग अपने प्रियजन से बातचीत कर सकें।

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