नई दिल्ली/ टीम डिजिटल।90 के दशक से अपनी एक्टिंग के जरिए लोगों के दिलों पर राज करने वाली की मशहूर अभिनेत्री विद्या सिन्हा ने मुंबई के जुहू स्थित क्रिटीकेयर अस्पताल में 15 अगस्त गुरुवार को अंतिम सांस ली।

विद्या सिन्हा को सांस लेने में दिक्कत की शिकायत थी जिसके बाद उन्हे मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। विद्या को लंग्स और कार्डिएक डिस्ऑर्डर की समस्या थी और उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था।

अमोल पालेकर की फिल्में जीवन जीना सिखाती है। प्रेम करना सिखाती है। बासु चटर्जी निर्देशित फिल्म छोटी सी बात एक बार जरूर देखनी चाहिए। भीड़-भाड़ और बस स्टैंड पे प्रेम की तलाश में जूझते प्रेमी की कहानी आपको पसंद आएगी। प्रेम की तलाश में प्रेमी खूब चलता है। शायद प्रेम में चलना जरूरी है। नहीं तो ठहराव आ जाता है।
 
कई दिनों तक पीछा करने के बाद आखिर लड़की से बात हो ही जाती है। लेकिन लड़का बेहद ही दब्बू होता है। कुछ कह नहीं पाता है। अकसर प्रेमियों की जबां प्रेमिकाओं के सामने ठहर ही जाती है। विद्या सिन्हा बड़ी खूबसूरती से प्रेम को चलायमान रखती है। वो प्रेमी को ठहरने नहीं देती। उसकी निरंतरता को नहीं तोड़ती। इस तरह प्रेम की तलाश में घूमते प्रेमियों को मंजिल तक पहुँचाने में बासु चटर्जी सफल हो जाते हैं।
 
अमोल पालेकर और विद्या सिन्हा की एक और फ़िल्म है रजनीगंधा। उसे भी बासु चटर्जी ने ही निर्देशित किया है। उसमें भी आपको प्रेम का अलग जायका मिलेगा। प्रेम करते रहिए। जीवन जीते रहिये।

विद्या सिन्हा ने 80-90 के दशक में कई हिट फिल्मों में काम किया है। वे ‘छोटी सी बात’, ‘रजनीगंधा’, ‘स्वयंवर’ और ‘पति पत्नी और वो’ जैसी फिल्मों में एक्टिंग का लौहा मनवा चुकी हैं।

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