भारत से पं’गा लेकर पाकिसना ने खुद के पैरों पर कु’ल्हा’ड़ी मा’र ली। भारत से दु’श्म’नी के बाद पाकिस्तान की हालत ख’रा’ब हो गई है। पाकिस्तान को गरीबी की मा’र झेलनी पर रही है। जिसके कारण पाकिस्तान दुनिया के कई देशों के सामने अपने हाथ फैला रहा है। लेकिन इसी बीच पाकिस्तान को एक और झटका लगा है, जो उसके लिए कोढ़ में खाज, साबित हो सकता है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के एशिया पैसिफिक ग्रुप ने शुक्रवार को पाकिस्तान को वैश्विक मानकों को पूरा करने में विफलता के लिए ‘ब्लैकलिस्ट’ में डाल दिया. समाचार एजेंसी पीटीआई ने भारतीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के 40 में से 32 पैरामीटर पर पाकिस्तान को अयोग्य पाया.
पिछले हफ्ते, इस्लामाबाद (Islamabad) ने 450 पन्नों का दस्तावेज पेश किया था, जिसमें सरकार द्वारा मौजूदा कानूनों में किए गए सभी बदलावों और पिछले एक-डेढ़ साल में आ’तं’की समूहों के खिलाफ का’र्र’वा’ई शामिल है.
पाकिस्तान ने यह भी दावा किया था कि उसने लश्कर-ए-तैयबा/जमात-उद-दावा (JuD) के प्रमुख हाफिज सईद पर आतंकी वित्त पोषण का आरोप लगाया और इस वर्ष के जारी प्रयासों के तहत JuD और अन्य UNSC के सभी संपत्तियों को प्रतिबंधित कर दिया था.
आतंक के वित्तपोषण और धन शोधन के 11 मानकों पर, पाकिस्तान को 10 से भी कम अंक मिले. अधिकारी ने कहा कि प्रयासों के बावजूद, पाकिस्तान 41-सदस्यीय टीम को किसी भी पैरामीटर पर अपग्रेड करने के लिए मना नहीं सका. एक अन्य अधिकारी ने कहा अब पाकिस्तान को अक्टूबर में ब्लैकलिस्ट से बचने के लिए ध्यान केंद्रित करना होगा, जब एफएटीएफ की 27-बिंदु कार्य योजना पर 15 महीने की समय सीमा समाप्त हो जाएगी.