भारत का कूटनीतिक प्रभाव असर दिखाने लगा है। वैश्विक दबाव के चलते पाकिस्तान की सारी हेकड़ी अब गुम होने लगी है। अब उसने बाबा गुरु नानक की 550 वीं जयंती से पहले सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर कॉरिडोर परियोजना को पूरा करने की बात कही है। पाक प्रधानमंत्री की सहयोगी फिरदौस आशिक एवन ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि करतारपुर सिखों के लिए एक पवित्र स्थान है और यह अंतरजातीय सद्भाव का आदर्श उदाहरण है। उन्होंने भारत के साथ संबंधों में तानव के चलते गलियारे पर काम रोकने की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि बाबा गुरु नानक की 550 वीं जयंती से पहले सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर कॉरिडोर परियोजना को पूरा कर दिया जाएगा।
बता दें कि करतारपुर गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले में 1522 में स्थापित डेरा बाबा नानक मंदिर से जोड़ेगा और भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा-मुक्त आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा। भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था और पाकिस्तान ने बदले में करतारपुर कॉरिडोर का काम रोक दिया था। अब चौतरफा वैश्विक दबाव के बीच पाकिस्तान ने फिर से काम शुरू करने और निर्धारित समय में इसे पूरा करने की बात कही है।
वहीं उम्मीद है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होने वाली मुलाकात में पाकिस्तान और भारत के बीच कश्मीर मुद्दे के साथ साथ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर चर्चा कर सकते हैं। अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि अनुच्छेद-370 को खत्म करना भारत का अंदरूनी मामला है।
ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अनुच्छेद-370 खत्म करने के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को कम करने के लिए अमेरिका दो तरफा रणनीति पर काम रहा है। पहली रणनीति के तहत वह सीमा पार घुसपैठ रोकने और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तीय और अन्य सहायता नहीं देने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है। दूसरी रणनीति के तहत वह भारत को जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
इस सबके बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी के करतारपुर कॉरिडोर पर दिए बयान से विवाद पैदा हो गया है। स्वामी ने पाकिस्तान से रिश्ते का हवाला देते हुए कहा कि करतारपुर कॉरिडोर का काम बंद किया जाए। उनका मानना है कि पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध फिलहाल ठीक नहीं चल रहे हैं तो सिखों को यह बात समझनी चाहिए कि पाकिस्तान उनके लिए सही नहीं है, इसलिए करतारपुर कॉरिडोर का काम यही बंद कर देना चाहिए।