ईरान ने कच्चे तेल का एक बेशकीमती भंडार ढूंढ निकाला है. ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने रविवार को बताया कि उनके देश में करीब 50 अरब बैरल के कच्चे तेल के भंडार की खोज की गई है. इस नए तेल क्षेत्र की खोज के बाद ईरान के प्रामाणिक तेल भंडारों में करीब 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी. हालांकि, अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच ईरान के लिए तेल की बिक्री करना मुश्किल हो गया है.
पिछले साल अमेरिका ने ईरान के साथ न्यूक्लियर डील को रद्द करके उस पर तमाम प्रतिबंध थोप दिए थे जिसके बाद से ईरान के सामने तेल बेचने की चुनौती पैदा हो गई है.
यह ऑयल फील्ड ईरान के दक्षिणी कुजेस्तान प्रांत में स्थित है जो ऑयल इंडस्ट्री के लिए बेहद अहम है. रोहानी ने कहा, ईरान के 150 अरब बैरल के प्रामाणिक तेल भंडार में 53 अरब बैरल का इजाफा हो जाएगा.
रोहानी ने कहा, मैं व्हाइट हाउस को बताना चाहता हूं कि जब आप ईरान के तेल की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने में व्यस्त थे, तब हमारे देश के प्यारे मजदूरों और इंजीनियरों ने 53 अरब बैरल का एक तेल भंडार खोज निकाला.
बता दें कि ईरान के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तेल भंडार है और प्राकृतिक गैस का दूसरा सबसे बड़ा भंडार भी इसी देश के पास है.
अहवाज में 65 अरब बैरल तेल भंडार के बाद यह नया तेल क्षेत्र ईरान का दूसरा सबसे बड़ा ऑयल फील्ड बन सकता है. यह नया फील्ड 2400 वर्गकिमी में फैला है और करीब 80 मीटर गहरा है.
2015 की न्यूक्लियर डील से अमेरिका के अलग होने के बाद से इस समझौते में शामिल अन्य देश जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस और चीन इसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हर कोशिश बेकार रही.
ईरान से तेल खरीदने वाली कोई भी कंपनी या सरकार को अमेरिकी प्रतिबंधों का डर है जिसकी वजह से ईरान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है और ईरान की मुद्रा रियाल में तेजी से गिरावट आई है.
न्यूक्लियर डील रद्द होने के बाद से ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम बढ़ाने की तरफ आगे बढ़ रहा है. ईरान ने एक अंडरग्राउंड फैसिलिटी में यूरेनियम भंडार इकठ्ठा करना भी शुरू कर दिया है.
पिछले कुछ महीनों से खाड़ी में तेल टैंकरों और सऊदी के तेल संयंत्रों पर हमले हुए हैं जिनके लिए अमेरिका ईरान को जिम्मेदार ठहराता है. दूसरी तरफ, तेहरान इन आरोपों को खारिज करता रहा है लेकिन उसने एक ब्रिटिश टैंकर पर कब्जे और अमेरिकी सेना के सर्विलांस ड्रोन को मार गिराने की बात स्वीकार की थी.