दिल्ली में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इनकी तीव्रता 2.2 रही। लेकिन एक महीने के बाद राजधानी में चार बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि यह भूकंप इतना कमजोर था कि इससे किसी तरह की जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक महीने में चौथी बार भूकंप महसूस किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने कहा, भूकंप का केंद्र दिल्ली से 13 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में था। एनसीएस के अनुसार, भूकंप की गतिविधि की निगरानी के लिए केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी की जानकारी के अनुसार, दिन में 11:28 बजे 8 किलोमीटर की गहराई में भूकंप आया था। इससे पहले 12 अप्रैल, 13 अप्रैल और 10 मई को दिल्ली क्षेत्र में हल्के तीव्रता के भूकंप महसूस किए गए। तीनों भूकंपों में भी किसी भी नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई थी।
दिल्ली में अप्रैल-मई के भीतर पांच भूकंप आ चुके हैं। 10 मई को 3.4 तीव्रता वाली भूकंप का केंद्र सतह से पांच किलोमीटर की गहराई में स्थित था। इसके अलावा 3 मई को भी एक हल्का भूकंप आया था। इससे पहले, 12 अप्रैल को दिल्ली-NCR में शाम 5:50 के करीब भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसके बाद 13 अप्रैल को फिर भूकंप आया था। इस दिन रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.7 दर्ज की गई थी।
जानकारों का क्या है कहना
इससे पहले सीस्मोलॉजी सेंटर से एक अधिकारी ने कहा था, ‘दिल्ली में अक्सर दो से तीन फ्रीक्वेंसी में भूकंप देखे गए हैं। यह सामान्य घटना है, इसे लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है। पिछले दस सालों में शहर में 100 से अधिक भूकंप आए है। इन लोकल और कम तीव्रता वाले भूकंपों के लिए, फॉल्ट लाइन की जरूरत नहीं है। धरातल के नीचे छोटे-मोटे एडजस्टमेंट्स होते रहते हैं और इससे कभी-कभी झटके महसूस होते हैं। बड़े भूकंप फॉल्ट लाइन के किनारे आते हैं।’
रिस्क जोन में है दिल्ली
भूवैज्ञानिकों ने दिल्ली और इसके आसपास के इलाके को जोन-4 में रखा है। यहां 7.9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है। दिल्ली में भूकंप की आशंका वाले इलाकों में यमुना तट के करीबी इलाके, पूर्वी दिल्ली, शाहदरा, मयूर विहार, लक्ष्मी नगर और गुड़गांव, रेवाड़ी तथा नोएडा के नजदीकी इलाके शामिल हैं।