पूरी खबर एक नजर
- प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कैबिनेट बैठक में नई शिक्षा नीति को मंजूरी देते हुए 34 साल पुराने शिक्षा नीति में अब परिवरितन लाया गया है और वह महत्तवपूर्ण भी है।
- नई शिक्षा नीती में आए बड़े बदलाव का विस्तार।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि कैबिनेट बैठक में नई शिक्षा नीति को केंट्र सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि 34 साल से शिक्षा नीति में बदलाव नहीं हुआ था, इसलिए यह वहुत ही महत्तवपूर्ण है। नई शिक्षा नीति में स्कूल एजुकेशन से लेकर हायर एजुकेशन में कई बड़े बदलाव हुए हैं। अब 5वीं कक्षा तक की शिक्षा मातृभाषा में होगी। हायर एजुकेशन के लिए सिंगल रेगुलेटर रहेगा (लौ और मेडिकल एजुकेशन को छोड़ कर) उच्च शिक्षा में 2035 तक 50 फीसदी GER पहुंचने का लक्ष्य है।
शिक्षा नीति में आए निम्नलिखित नए बड़े बदलाव:-
- ई-पाठ्यक्रम क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित किए जाएंगे। बर्चुअल लैब बनाए जा रहे हैं और एक राष्ट्रीय शैक्षिक टेक्नोलॉजी फोरम (NETF) बनाया जा रहा है।
- उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे का कहना है कि देश में उच्च शिक्षा के लिए एक ही नियामक (Regulator) होगा, इसमें अप्रूवल और वित्त के लिए अलग-अलग वर्टिकल होगें। वह नियामक ऑनलाइन सेल्फ डिसक्लोजर बेस्ड ट्रांसपेरेंट सिस्टम पर काम करेगा।
- साथ ही अमित खरे का कहना है कि चार साल का डिग्री कोर्स करने के बाद एमए करके बिना एम फिल के सीधे पीएचडी कर सकते हैं।
- उच्च शिक्षा विभाग ने यह लक्ष्य निर्धारित किया है कि जीडीपी का 6% शिक्षा में लगाया जाए जो अभी 4.43% है।
- बोर्ड परीक्षाओं के महत्व को कम किया जाएगा। इसमें वास्तविक ज्ञान की परख की जाएगी। कक्षा पांच तक मातृभाषा को निर्देशों का माध्यम बनाया जाएगा। रिपोर्ट कार्ड में हर चीज की जानकारी दे दी गई होगी।
- अमेरिका के NFS ( नेश्नल साइंस फाउंडेशन) की तर्ज पर NFR (नेश्नल रिसर्च फाउंडेशन) लाया जा रहा है। इसमें न केनल साइंस बल्कि सोशल साइंस भी शामिल होगा।
- ग्रेडेड स्वायत्ता के तहत कॉलेजों को शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्ता दी जाएगी। नए सुधारों में टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया जाएगा।
- सेंट्रल यूनिवर्सिटी, डीम्ड यूनिवर्सिटी और स्टैंडअलोन इंस्टिट्यूशन के लिए अलग-अलग नियम है। नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत सभी के लिए नियम एक समान होंगे।