भागलपुर में गंगा के बढ़ते हुए जलस्तर से आसपास के कई इलाकों में संकट गहरा गया है। बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ के डर से लोग अपने घर द्वारा को छोड़कर दूसरे जगह पलायन करने को मजबूर हो गए हैं। यहां के रत्तीपुर बेरिया और शंकरपुर दियारा इलाकें में मौजूद कई लोगों के घर जलमग्न हो गए हैं।
वहीं नाथनगर व सबौर क्षेत्र के अधिकतर गावों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। सबौर के रजंदीपुर, इंग्लिश फरका, बाबूपुर दर्जन गांवों के कई घरों में गंगा का पानी घुस चूका है। स्थानीय लोगों के अनुसार जियाउद्दीपुर चौक की सड़क पर भी पानी चढ़ चूका है। जबकि यह भी कहा जा रहा है कि गंगा का पानी दोगच्छी के आगे निकलने लगा है।
दिलदारपुर, अजमेरी, मोहनपुर, विशनपुर, रसदपुर में जहां बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है तो वहीं श्रीरामपुर, गोलाहू, राघोपुर, माधोपुर, मोदीपुर, नवटोलिया, मिर्जापुर, मुरारपुर, 22 बिग्घी, गोसाइदासपुर, मथुरापुर, हरिदासपुर, शाहपुर बेलखोरिया पंचायत अंतर्गत गोविंदपुर, राजपुर, नवटोलिया, भतुआचक और मनियारपुर सहित गावों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
बाढ़ के वजह से ही पीड़ित परिवार टीएनबी कॉलेजिएट, टिल्हा कोठी और इवनिंग कॉलेज परिसर में आश्रय ले रहें हैं। शंकरपुर दियारा, रत्तीपुर बेरिया, दिलदारपुर में कुछ ही घर ऐसे हैं जो ऊँचे स्थान पर बने हुए हैं। बाकि के घर यहां गंगा के पानी में समा चुके हैं।
इतना ही नहीं अब तो टीएमबीयू प्रशासनिक भवन के पीछे के स्थानों पर भी पानी भरने लगा है। यहां के विवि के प्रॉक्टर के सरकारी आवास पीछे के हिस्से, सीनेट हाॅल से सटे हिस्से और सिटी कॉलेज व पीएनए साइंस काॅलेज के रास्तों पर भी पानी भर गया है।
बाढ़ से जुड़ी खबरों के प्रकाश में आने के बाद शनिवार को अधिकारीयों ने कुछ इलाकों का निरीक्षण भी किया। इस दौरान बाढ़ग्रस्त इलाकों के लोगों ने कई जरुरी चीजों की मांग की। उनमें पॉलीथिन, पीने का पानी और शौचालय की व्यवस्था भी मुख्य रूप से शामिल हैं।

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