रेलवे के मुताबिक कोहरे की वजह से ट्रेनों के परिचालन में परेशानी हो रही है। इसलिए सरकार द्वारा ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है।कोहरे के कारण यात्रियों की सुरक्षा एवं सुरक्षित रेल परिचालन के लिए 1 दिसंबर से 1 मार्च 2022 तक कुछ ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया गया है।
ट्रेनों में लगा फोग डिवाइस
दिसंबर का महीना शुरू हो चुका है और इसके साथ ठंड ने भी अपना असर कोहरे के साथ दिखना शुरू कर दिया है और कोहरे के वजह से ट्रेनों की परिचालन में रेलवे डिपार्टमेंट को काफी चुनौतियों का सामना करना पर रहा है। पर अब सरकार ने ट्रेनों के परिचालन को सही तरीके से करने और यात्रियों को ज्यादा परेशानी न झेलनी पड़े इसलिए मध्य रेल की सभी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में ‘फॉग सेफ डिवाइस’ लगा दिया है। आपको बता दें कि फॉग सेफ डिवाइस(Fog Safe Device) में जीपीएस लगे होते है और ये एक ऐसा डिवाइस है जो लोको पायलट को आगे आने वाली सिगनल की चेतावनी देते हुए उन्हें अलर्ट कर देता है,अलर्ट के कारण लोको पायलट ट्रेनों की स्पीड को नियंत्रित करते हैं।
उपकरणों के साथ-साथ फोग मैन की तैनाती
खबर के अनुसार सरकार ने कोहरे को देखते हुए निमियत रूप से निगरानी रखने के लिए उपकरणों के साथ साथ फॉग मैन को भी तैनात किया है । ये उपकरण और फोग मैन दोनो समय समय पर सिग्नल दे कर फोग की जानकारी लोको पायलट और स्टेशन मास्टर को देते रहेंगे।
सरकार द्वारा रेलवे अधिकारियों को हर वक़्त रेलवे लाईन का पेट्रोलिंग करने का निर्देश दिए गए है साथ ही साथ सभी अधिकारियों को भी जीपीएस (GPS) डिवाइस दी गई है जिससे उनके लोकेशन को ट्रैक की जाए और उन्हें किसी भी तरह की कोई समस्या का सामना करना परे।
”सिगमा शेप्स” का किया जा रहा है इस्तेमाल
सरकार द्वारा और भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए है जिसे ट्रेन के लोको पायलट को सभी तरह की कोहरे में मदद मिले और परिचालन करने में कोई समस्या न आये सिगनलों की दृश्यता को बढ़ाने के लिए सिगनल साइटिंग बोर्ड फॉग सिगनल पोस्ट ज्यादा व्यस्त समपार के लिफ्टिंग बैरियर का इस्तेमाल किया गया है और काला एवं पीला रंग से रंगकर उसे चमकीला बनाया गया है । सिग्नल आने से पहले रेल पटरी पर सफेद चूने से निशान भी बनाया गया है ताकि लोको पायलट कुहासे वाले मौसम में सिगनल के बारे में अधिक सतर्क हो जाएं। लोको पायलट के लिए स्टॉप सिगनल से पहले एक विशेष पहचान चिन्ह ”सिगमा शेप्स” भी बनवाया जा रहा है ताकि चालक को आसानी से स्टॉप सिगनल मिल सके।सभी मेल/एक्सप्रेस लोको पायलटों को प्रत्येक स्टेशनों का ‘फर्स्ट स्टॉप सिगनल लोकेशन’ किलोमीटर चार्ट भी दिया जा रहा है, जिसके प्रयोग से चालक यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि अगले कितनी दूरी पर ट्रेन को रोकना है.