जिउतिया पर्व भारतीय लोक पर्व है जो औरंगाबाद में मनाया जाता है। इस पर्व के दौरान माताएं अपनी संतान के लंबे जीवन, स्वास्थ्य, खुशहाली और मंगल की कामना करती हैं। यह पर्व प्रत्येक वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं भगवान जिमूत वाहन की पूजा कर अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करती हैं। इस पर्व में साहस और पराक्रम का प्रदर्शन किया जाता है। इस पर्व में नकल के कलाकारों की ओर से बहुरंगी प्रतिभाओं को प्रदर्शित किया जाता है।
दाउदनगर का जिउतिया पर्व भारत और विश्व में प्रसिद्ध हो चुका है। इस पर्व को दाउदनगर में पूरे 9 दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान नकल के कलाकारों की ओर से अनेक प्रदर्शन किए जाते हैं। पर्व के मौके पर साहस, पराक्रम का खुला प्रदर्शन किया जाता है। इसके अलावा भूत पिशाच, दम-दमाड़ और डाकिनी आदि के नकल देखने को मिलती है। पर्व में स्थानीय कलाकारों द्वारा कई विधाओं का प्रदर्शन होता है जिसमें साहित्य, सृजन और दर्शन शामिल हैं।
दाउदनगर में जिमूत वाहन भगवान की पूजा की जाती है और उन्हें दाउदनगर के चौकों पर स्थापित किया जाता है। यह पर्व महिलाएं संतान के दीर्घायु की कामना को लेकर पूजा करने का अवसर प्रदान करता है। दाउदनगर की जिउतिया एक लोक उत्सव के रूप में न सिर्फ प्रसिद्ध हुई है, बल्कि इसने लोगों के जीवन में वर्षों से एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है।