झारखंड में जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को पारसनाथ पहाड़ी के दुर्गम रास्तों की चढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी। यहां रोपवे बनाकर दर्शन का आसानी से अवसर मिलेगा। इसकी योजना बनाने के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा काम शुरू किया गया है। इसे निर्माण करने के लिए एनएचएलएमएल कंपनी जिम्मेदार होगी। इसके अलावा धनबाद के मैथन डैम और जमशेदपुर की डिमना झील पर भी रोपवे निर्माण की योजना है। इन योजनाओं के अनुमानित खर्च का भी उल्लेख किया गया है।
मधुबन में बनने वाले रोपवे की लंबाई करीब 6 किमी होगी। इसके निर्माण के लिए लगभग 50 से 60 करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है। रोपवे के ट्रॉली के मूवमेंट को सुविधाजनक बनाने के लिए दो जगहों पर टावर का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही दो स्टेशन भी बनाए जाएंगे, जहां पार्किंग की सुविधा होगी। निमियाघाट में स्थानीय मंदिर कमेटी ने स्टेशन निर्माण की स्वीकृति नहीं दी है, इसलिए मधुबन में ही स्टेशन बनाने की योजना बनाई गई है।
इस तरह के रोपवे के निर्माण से पर्यटकों को धनबाद के मैथन डैम और जमशेदपुर की डिमना झील तक आसानी से पहुंचने का मौका मिलेगा। यहां पर्यटकों की संख्या झारखंड के अलावा बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा सहित कई राज्यों से बढ़ रही है। इसके लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इन योजनाओं के लिए केंद्रीय सरकार से खर्च की मांग की है। इसके निर्माण का कार्य एनएचएआई को सौंपा गया है।